कई दौर की बातचीत के बावजूद चीन के साथ सैन्य तनाव में कमी न आते देख सेना ने अपनी तैयारियों को और मजबूत कर दिया है. सेना ने पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में चीन की किसी चालबाजी से निपटने के लिए टैंक रेजिमेंट (Tank Regiment) को मैदान में उतार दिया है.
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लद्दाख: कई दौर की बातचीत के बावजूद चीन के साथ सैन्य तनाव में कमी न आते देख सेना ने अपनी तैयारियों को और मजबूत कर दिया है. सेना ने पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में चीन की किसी चालबाजी से निपटने के लिए टैंक रेजिमेंट (Tank Regiment) को मैदान में उतार दिया है. इस रेजिमेंट में भीष्म, अर्जुन समेत कई आधुनिकतम टैंक हैं. जो कुछ ही क्षणों में दुश्मनों के परखचे उड़ा सकते हैं.
जानकारी के मुताबिक ये टैंक किसी भी मौसम और वक्त में युद्ध करने की क्षमताओं से लैस हैं. इस टैंक रेजिमेंट की तैनाती के साथ ही भारत ने चीन को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि युद्ध की स्थिति में वह उसके कब्जे वाले इलाके में घुसने से भी परहेज नहीं करेगी.
दरअसल टैंकों की तैनाती समतल इलाके में युद्ध के लिए होती है. जबकि लद्दाख पहाड़ी इलाका है. हालांकि LAC के उस पार अक्साई चिन वाला इलाका पठारी है. जिस पर टैंक आसानी से दौड़ाए जा सकते हैं और युद्ध लड़ा जा सकता है. ऐसा करके भारत ने चीन को अप्रत्यक्ष रूप से बता दिया है कि अब यदि युद्ध हुआ तो वह भारत के इलाके में नहीं बल्कि उसके कब्जे वाले में होगा.
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लद्दाख में तैनात सेना की 14वीं फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल अरविंद कपूर ने कहा कि सीमा की रक्षा के लिए टैंकों के साथ इन्फैंट्री कॉम्बेट व्हीकल भी तैनात किए गए हैं. उन्होंने कहा कि अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए जवान पूरे जज्बे के साथ डटे हुए हैं. कहा कि चीन ने यदि किसी भी प्रकार की हिमाकत की तो उसे करारा जवाब मिलना तय है.
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