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नई दिल्ली: वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन (China) की तरफ से होने वाली हर हरकत पर भारत (India) की पैनी नजर होगी. सीमा की निगरानी को मजबूत करने के लिए भारतीय सेना के बेड़े में आधुनिक ड्रोन कैमरे शामिल किए गए हैं. ये ड्रोन कैमरे (Drone Camera) बेहद उन्नत किस्म के हैं, जो चीन की हर हरकत को कैद कर सकेंगे. ड्रैगन से निपटने के लिए समग्र सैन्य तैयारियों को पहले से ज्यादा मजबूत करने के लिए भारत ने एक व्यापक रणनीति के तहत LAC पर ये ड्रोन कैमरे स्थापित किए हैं.
पिछले साल गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच खूनी झड़प हुई थी, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. इस घटना के बाद भी कई बार चीन और भारतीय सैनिकों में संघर्ष की घटनाएं सामने आती रही हैं. ऐसे में साफ है एलएसी पर चीन भारत के लिए लगातार सिरदर्द बना हुआ है. यही वजह है कि भारत ड्रैगन की हर हरकत पर नजर रखने के लिए आधुनिक तकनीक अपना रहा है.
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न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इजराइली निर्मित हेरॉन मार्क-1 ड्रोन LAC के पहाड़ी इलाकों पर चौबीसों घंटे निगरानी कर रहे हैं. ये ड्रोन लगभग 30 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकते हैं. हाल ही में भारतीय सेना ने इजरायल से हेरॉन मार्क-2 ड्रोन खरीदने के लिए भी सौदा किया है. सीमा पर जारी तनाव के बीच यह ड्रोन भारतीय सेना को चीनी सेना पर बढ़त देगा. यह ड्रोन किसी भी मौसम में ऊंचाई और लंबी दूरी तक यात्रा करने में सक्षम हैं.
असम के मीसामारी आर्मी एविएशन बेस में हेरॉन ड्रोन एलएसी पर निगरानी के लिए उड़ान भर रहा है. यहां अडवांस लाइट हेलिकॉप्टर (एएलएच) ध्रुव है और रुद्र भी हैं, जिसमें वेपन सिस्टम इंटीग्रेटेड है. यह एयरबेस इंडियन आर्मी की फोर कोर का बेस है, जो अरुणाचल प्रदेश से लगती LAC के एक बड़े हिस्से पर तैनात है. वहां तैनात सैनिकों के लिए इसी एयरबेस से सप्लाई जाती है. गौरतलब है कि भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध पिछले साल 5 मई को पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद भड़क गया था.