इस चिड़ियाघर में पहली बार किसी पेंगुइन का जन्म हो सकता है. अगर ऐसा हुआ तो देश में पहली बार किसी पेंगुइन का जन्म होगा.
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मुंबई : मुंबई का वीरमाता जीजाबाई भोसले चिड़ियाघर (VJB) इन दिनों सबसे ज्यादा उत्साहित है. अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो आने वाले कुछ दिनों में वह इतिहास रच सकता है. इस चिड़ियाघर में पहली बार किसी पेंगुइन का जन्म हो सकता है. अगर ऐसा हुआ तो देश में पहली बार किसी पेंगुइन का जन्म होगा. VJB के डायरेक्टर डॉ. संजय त्रिपाठी पेंगुइन के अंडे से 40 से 45 दिन में बच्चे बाहर आते हैं. साढ़े चार साल की एक पेंगुइन के एक अंडे ने मुंबई के इस चिड़ियाघर में 40 दिन कंपलीट कर लिए हैं. इसलिए हमें बहुत जल्दी खुशखबरी सुनने को मिलेगी.
DNA की रिपोर्ट के मुताबिक, 5 जुलाई की सुबह इन पेंगुइन की देखभाल करने वाले केयरटेकर ने देखा कि मोल्ट और फ्लिपर ने अंडे के लिए एक घोंसला बनाया है. इसके बाद उन्होंने एक अंडे दिया. ये दोनों पहली बार माता पिता बनने जा रहे हैं. ये दोनों बहुत अच्छी तरह से अपने अंडे की देखभाल कर रहे हैं. मादा फ्लिपर सबसे ज्यादा टाइम अंडे के साथ बिता रही है. वह उसे लेकर 36 से 48 घंटे तक खड़ी रहती है. अंडे को इनक्यूबेट करने के लिए नर मोल्ट भी अंडे को लेकर खड़ा होता है.
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पेंगुइन इनक्लोजर की हेड मधुमिता काले के अनुसार, हम लगातार दोनों पर नजर बनाए हुए हैं. खासकर दोनों की डाइट पर. ये दोनों अब तक अच्छी तरह भोजन कर रहे हैं. हम इन दोनों के वजन पर भी निगाह बनाए हुए हैं. अभी तक सब कुछ हमारे कंट्रोल में है. काले के अनुसार, इन दोनों का ज्यादातर समय अपने अंडे को इन्क्यूबेट करने में बीतता है. जब मादा फ्लिपर अंडे को इन्क्यूबेट करती है, उस समय नर मोल्ट दूसरे पेंगुइन को उसके पास नहीं जाने देता.
अब भी इस बात की आशंका...
हालांकि विशेषज्ञ इस बात का भी डर है कि कहीं इस अंडे के अंदर भ्रूण बना ही न हो. विशेषज्ञों के अनुसार, कई बार अगर अंडा निशेचित नहीं होता है तो उसके अंदर भ्रूण नहीं होता है. इसके अलावा बच्चे के अंडे के बाहर आने के बाद भी कई बार हालात इस बात पर निर्भर करते हैं कि उसके माता पिता उसकी देखभाल कैसे करते हैं. इस चिड़ियाघर में 7 पेंगुइन हैं. इनमें तीन जोड़े में हैं. मादा बबल अभी अकेली है.