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नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) और तालिबान नेताओं (Taliban Leaders) की मुलाकात से जुड़ी जिन खबरों को लेकर पाकिस्तान (Pakistan) को मिर्ची लग रही है, नई दिल्ली ने उनका खंडन किया है. सरकार ने स्पष्ट किया है कि तालिबानी नेताओं से अभी तक कोई मुलाकात नहीं हुई है. विदेश मंत्रालय का कहना है कि इस तरह की खबरें निराधार हैं और ऐसी कोई मीटिंग नहीं हुई है. बता दें कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा था कि विदेश मंत्री ने तालिबानी नेताओं से मुलाकात की है. इस दावे को लेकर पाकिस्तान मिर्ची जैसा ‘लाल’ हो गया था. उसने तीखे बयान भी दे डाले थे.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) की तालिबानी नेताओं से मुलाकात का दावा करने वाली खबरों को पूरी तरह से झूठी और शरारतपूर्ण बताया है. शुक्रवार को डिजिटल माध्यम से साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में बोलते हुए बागची ने कहा कि हम अफगानिस्तान (Afghanistan) में सभी शांति वार्ताओं का समर्थन करते हैं और इस बारे में विभिन्न पक्षकारों के सम्पर्क में हैं. लेकिन जिस मुलाकात को लेकर दावे किए जा रहे हैं, ऐसा कुछ नहीं है. हमारी तालिबानी नेताओं से कोई मीटिंग नहीं हुई.
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अरिंदम बागची ने आगे कहा, ‘हमने मीडिया में कुछ ट्वीट के माध्यम से आई उन खबरों को देखा है, जिनमें दावा किया गया है कि विदेश मंत्री ने तालिबान के कुछ नेताओं के साथ बैठक की थी. मैं स्पष्ट करना चाहता हूं ऐसी कोई मुलाकात नहीं हुई. विदेश मंत्री किसी तालिबानी नेता से नहीं मिले हैं. ऐसी खबरें पूरी तरह से झूठी और शरारतपूर्ण हैं’. गौरतलब है कि ये खबरें ऐसे समय में आई हैं जब अमेरिका अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुला रहा है. अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद अफगान में हिंसा की आशंका जताई जा रही है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अफगानिस्तान के संदर्भ में वह विदेश मंत्री एस जयशंकर के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में दिए हाल के बयान की ओर ध्यान दिलाना चाहेंगे, जो अफगान के भविष्य को लेकर सरकार की दृष्टि को स्पष्ट करता है. बागची ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपने संबोधन में विदेश मंत्री ने विस्तार से इन बिन्दुओं पर चर्चा की थी और अफगानिस्तान में स्थायी शांति के समर्थन की बात कही थी. उन्होंने कहा कि भारत, अफगानिस्तान में सभी शांति वार्ताओं का समर्थन करता है और इस बारे में विभिन्न पक्षकारों के सम्पर्क में भी है.