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नई दिल्ली : जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर के मुद्दे पर चीन को स्पष्ट संकेत देते हुए भारत ने गुरुवार को उससे कहा कि आतंकवाद से निपटने के मामले में वह ‘दुनिया की आवाज’ सुने। गौरतलब है कि अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के भारत के प्रयासों पर चीन अड़ंगा लगाता रहा है।
भारत ने उम्मीद जताई कि वह चीन को आतंकवाद की ‘गहराई और बुराई’ के बारे में समझा पाएगा। आतंकवाद को पाकिस्तान की ओर से दिए जा रहे समर्थन का हवाला देते हुए भारत ने यह उम्मीद भी जताई कि एक ‘जिम्मेदार और परिपक्व’ देश होने के नाते चीन आतंकवाद के प्रति इस्लामाबाद के ‘दोहरे मानदंडों’ और उसके ‘आत्मघाती’ रवैये को समझेगा।
विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने अपने सहकर्मी और मंत्रालय में राज्य मंत्री वी के सिंह के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम चीन से वाकई अपेक्षा करते हैं कि वह आतंकवाद पर सिर्फ भारत की नहीं बल्कि दुनिया की आवाज सुने। दोनों मंत्री इस संवाददाता सम्मेलन में विदेश मंत्रालय की पिछले ढाई साल की उपलब्धियां गिना रहे थे। परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता पर चीन के विरोध के बाबत सिंह ने कहा कि सरकार सभी संबंधित पक्षों से संवाद कर रही है ताकि उन्हें इसकी ‘चिंताएं’ और ‘साख’ को समझाया जा सके। उन्होंने उम्मीद जताई कि बीजिंग भारत की सदस्यता पर अपना विरोध खत्म करेगा।