आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में नैसर्गिक सहयोगी हैं भारत और ब्रिटेन
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आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में नैसर्गिक सहयोगी हैं भारत और ब्रिटेन

कश्मीर पर एक प्रस्ताव पर ब्रिटिश संसद में चर्चा के करीब एक महीने बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को ब्रिटिश सांसदों के एक शिष्टमंडल से बातचीत के दौरान उनका ध्यान आतंकवाद, कट्टरवाद और चरमपंथ की ओर दिलाया और उनसे इन समस्याओं के खिलाफ सामूहिक आवाज उठाने का आग्रह किया।

तस्वीर सौजन्य : @PMOIndia

नई दिल्ली : कश्मीर पर एक प्रस्ताव पर ब्रिटिश संसद में चर्चा के करीब एक महीने बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को ब्रिटिश सांसदों के एक शिष्टमंडल से बातचीत के दौरान उनका ध्यान आतंकवाद, कट्टरवाद और चरमपंथ की ओर दिलाया और उनसे इन समस्याओं के खिलाफ सामूहिक आवाज उठाने का आग्रह किया।

आठ सदस्यीय ब्रिटिश सांसदों के शिष्टमंडल से बातचीत के दौरान मोदी ने कहा कि भारत और ब्रिटेन आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में नैसर्गिक सहयोगी हैं और दोनों देशों के संबंधों को एक दूसरे के यहां दलगत राजनीति से परे मजबूत समर्थन प्राप्त है।

ब्रिटिश सांसदों के शिष्टमंडल के साथ प्रधानमंत्री की बातचीत के दौरान आतंकवाद पर जोर दिये जाने को ऐसे समय महत्वपूर्ण माना जा रहा है जब 20 जनवरी को ब्रिटिश संसद ने हिंसा बढ़ने और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों के उल्लंघन के परिदृश्य में कश्मीर को लेकर एक प्रस्ताव पर चर्चा की थी।

प्रस्ताव में ब्रिटिश सरकार से पाकिस्तान और भारत के बीच शांति वार्ता को प्रोत्साहित करने को कहा गया था ताकि दीर्घकालीन समाधान निकाला जा सके।

आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि मोदी ने दोनों देशों के सांसदों के बीच व्यापक संवाद का आह्वान किया ।

भारत और ब्रिटेन को आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय लड़ाई में नैसर्गिक सहयोगी करार देते हुए यहां आए शिष्टमंडल से आग्रह किया कि वे आतंकवाद, कट्टरपंथ और चरमपंथ के खिलाफ सामूहिक आवाज उठाना जारी रखें।

प्रधानमंत्री ने बातचीत के दौरान नवंबर 2015 में अपनी ब्रिटेन की यात्रा और पिछले वर्ष नवंबर में वहां की प्रधानमंत्री थेरेसा मे की भारत यात्रा को याद किया।

मोदी ने साल 2017 को भारत-ब्रिटेन संस्कृति वर्ष के रूप में मनाये जाने का स्वागत किया।

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