कोरोना महामारी (Corona Epidemic) से निपटने के लिए भारत ने दूसरे देशों की मदद लेने का फैसला किया है. इन देशों से ऑक्सीजन जनरेटर और टीका समेत कई जीवनरक्षक चीजें मंगाई जाएंगी.
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नई दिल्ली: भारत (India) में जिस तरह से कोरोना महामारी (Corona Epidemic) ने कहर बरपाया है. उसके बाद पूरे देश में रेमडेसिविर से लेकर ऑक्सीजन तक जरूरी सामान की आपूर्ति व्यवस्था को मजबूत करने की तैयारी शुरू हो गई है. भारत ने इसके लिए दूसरे देशों की मदद लेने की योजना बनाई है. संकट की इस घड़ी में रूस ने भारत की ओर हाथ बढ़ाया है. उसने भारत को जीवनरक्षक दवाओं की आपूर्ति की पेशकश की है.
भारत मदद के लिए सिंगापुर की ओर देख रहा है. उसे उम्मीद है कि वहां से उसे ऑक्सीजन और ISO कंटेनर मिल जाएंगे. ISO कंटेनर बड़े साइज वाले ऐसे शिपिंग कंटेनर होते हैं, जिनका इस्तेमाल परिवहन के विभिन्न तरीकों में किया जा सकता है. इससे पहले आज फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रां ने कोरोना के कहर से जूझ रही भारतीयों जनता के प्रति अपना संदेश जारी किया. उन्होंने कहा, 'संकट की इस घड़ी में हम भारतीय जनता के साथ खड़े हैं. फ्रांस इस संघर्ष में आपके साथ है. इस महामारी से लड़ने के लिए हम अपना सपोर्ट देने के लिए तैयार हैं.'
यूरोपीय संघ ने कोरोना महामारी (Corona Epidemic) पर भारत को अपना समर्थन दिया है. यूरोपीय आयोग के कार्यकारी उपाध्यक्ष Margrethe Vestager और भारतीय विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर के बीच आज बातचीत हुई. जिसमें Margrethe Vestager ने यूरोपीय संघ की ओर से संकट की इस घड़ी में भारत को अपना सपोर्ट दिया. बैठक के बाद विदेश मंत्री डॉ जयशंकर ने ट्वीट करके कहा, 'कोरोना संकट के समय दिए गए इस सपोर्ट पर हम EU की सराहना करते हैं. हमें उम्मीद है कि इस मुश्किल घड़ी में EU हमारी क्षमताओं को मजबूत करने में मदद करेगा.'
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फ्रांस और रूस के अलावा जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और UAE ने भी भारत को मदद देने की पेशकश की है. जापान से भी भारत को मदद मिल रही है. वहां से भारत ऑक्सीजन जनरेटर खरीदने जा रहा है. जापान ने इससे पहले कोविड इमर्जेंसी सहायता के रूप में 50 बिलियन येन और ग्रांट के रूप में एक बिलियन येन की मदद की थी.
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