Indian Army New Assault Rifles: सरहद पर 2 दुश्मन देशों का सामना कर रहे भारत को जल्द ही एक बड़ा संहारक हथियार मिलने वाला है. यह हथियार एक तरह की राइफल है, जो दुश्मन के खिलाफ 1 मिनट में 700 गोलियां दाग सकती है.
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AK-203 Assault Rifles: चीन के साथ भारत की तनातनी लगातार बढ़ रही है. कोरोना महामारी और आर्थिक दिक्कतों से घिरा चीन फिलहाल चुप दिख रहा है लेकिन वह वर्ष 1962 की तरह दोबारा फिर से कब अपना असली रंग दिखा दे, इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता. लिहाजा आने वाले इस खतरे से निपटने के लिए भारतीय सेना (Indian Army) की तैयारियां लगातार जारी हैं. अब भारतीय सेना के पास दुनिया की ऐसी सबसे खतरनाक राइफल आने वाली है, जो जंग के मैदान में दुश्मनों के लिए काल साबित होगी.
800 मीटर दूर तक कर सकती हैं मार
रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में अमेठी के कोरवा में भारत-रूस के संयुक्त स्वामित्व वाले इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) ने प्लांट में उत्पादन शुरू कर दिया है. इस प्लांट में एके-203 कलाश्निकोव असॉल्ट राइफलों का उत्पादन किया जा रहा है. ये एके-203 राइफल वजन में हल्की और हर मौसम में कारगर हैं. इन राइफलों (AK-203 Assault Rifles) की मारक रेंज 500 से 800 मीटर है. यानी यह राइफलें करीब 1 किमी की दूरी तक दुश्मन का बखूबी शिकार कर सकेंगी.
एक मिनट में दाग सकती हैं 700 राउंड
इस राइफल का वजन 3.8 किलोग्राम और लंबाई 705 मिलीमीटर है. इसकी मैगजीन में 30 गोलियां भरी जा सकती है. यह एक मिनट में 700 गोलियां तक फायर कर सकती है. यानी मैगजीन का स्टॉक होने पर सैनिक जल्दी-जल्दी से उन्हें चेंज करके दुश्मन पर 700 बार फायर झोंक सकता है. एक्सपर्टों के मुताबिक एके सीरीज की सभी राइफलों (AK-203 Assault Rifles) में यह सबसे आधुनिक और खतरनाक राइफल है. इसमें पुरानी राइफलों की खूबियों के साथ ही नए फीचर भी जोड़े गए हैं, जिससे यह पहले से ज्यादा प्रभावी हो गई है.
करीब 6 लाख राइफलों का होगा निर्माण
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आर्मी चीफ ने पिछले महीने बताया था कि अगले 10 साल में इस प्लांट में 6 लाख 1427 एके-203 राइफलें (AK-203 Assault Rifles) बनाई जाएंगी. इनमें पहले चरण में 5 हजार एके-203 राइफलें मार्च 2023 के अंत तक सेना को मिल जाएंगी. जबकि 70 हजार राइफलों की दूसरी खेप अगले ढाई साल में सेना (Indian Army) को मिलेगी. वहीं बची राइफलें चरणबद्ध तरीके से आगे सेना को मिलती रहेंगी. भारतीय सेना के ऑर्डर पूरे होने के बाद दोनों देश मिलकर आपसी सहमति अन्य देशों को भी यह राइफलें बेच सकते हैं.
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