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मुंबई: भारतीय नौसेना (Indian Navy) के विध्वंसक युद्धपोत (Destroyer Warship) ‘विशाखापट्टनम’ को रविवार को सेवा में शामिल किया गया. इस युद्धपोत के सेना में शामिल होने के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि भारत के लिए रक्षा क्षेत्र में आत्मानिर्भर बनने के प्रयास के लिए आज का दिन गर्व का दिन है. INS विशाखापट्टनम को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया है! यह स्वदेशी रूप से विकसित है और हमारे सुरक्षा तंत्र को मजबूत करेगा. रक्षा आधुनिकीकरण की दिशा में हमारे प्रयास पूरे जोश के साथ जारी हैं.
Today is a proud day for India’s quest to become Aatmanirbhar in the defence sector. INS Visakhapatnam is commissioned into Indian Navy! It is indigenously developed and will strengthen our security apparatus. Our efforts towards defence modernisation continues with full vigour. pic.twitter.com/LwVIX3ufzq
— Narendra Modi (@narendramodi) November 21, 2021
भारत के रक्षा मंत्री ने भी इस मौके पर चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्चस्ववादी प्रवृत्तियों वाले ‘कुछ गैर-जिम्मेदार देश’ अपने पक्षपातपूर्ण हितों (Partisan Interests) के कारण समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCLOS) को गलत तरीके से परिभाषित कर रहे हैं.
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राजनाथ सिंह ने कहा कि यह चिंता की बात है कि UNCLOS की परिभाषा की मनमानी व्याख्या कर कुछ देशों द्वारा इसे लगातार कमजोर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अपना आधिपत्य जमाने और संकीर्ण पक्षपाती हितों वाले कुछ गैर-जिम्मेदार देश अंतरराष्ट्रीय कानूनों की गलत व्याख्या कर रहे हैं.
छिप कर वार करने में सक्षम, स्वदेशी निर्देशित मिसाइल विध्वंसक पोत ‘विशाखापट्टनम’ कई मिसाइल और पन्नडुब्बी रोधी रॉकेट (Anti-Submarine Rocket) से लैस है. इसे नौसेना के शीर्ष कमांडरों की मौजूदगी में सेवा में शामिल किया गया. अधिकारियों ने बताया कि ‘विशाखापट्टनम’ सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, मध्यम और छोटी दूरी की बंदूकें, पनडुब्बी रोधी रॉकेट और उन्नत इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और संचार प्रणालियों सहित घातक हथियारों और सेंसर से लैस है.
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