एयर बबल व्यवस्था के अंतर्गत किन्ही दो देशों में फंसे वहां के नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने की व्यवस्था की जाती है.
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नई दिल्ली: द्विपक्षीय अंतरराष्ट्रीय हवाई संपर्क (International air connectivity) को और बढ़ावा देने के लिए भारत ने केन्या (Kenya) और भूटान (Bhutan) के साथ 'एयर बबल' (bilateral air bubble) व्यवस्था पर करार किया है. यह जानकारी नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Union Civil Aviation Minister Hardeep Singh Puri) ने दी है. उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत (India) ने दोनों देशों के बीच विशेष अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों के संचालन के लिए अलग-अलग द्विपक्षीय 'एयर बबल' की व्यवस्था की है. इस समझौते के अंतर्गत भारत अपनी हवाई सेवा (Airline Services) इन दो देशों में देगा, वहीं ये दोनों देश भारत में अपनी सेवा दे सकेंगे.
इससे पहले 13 देशों के साथ हुआ था 'एयर बबल' करार
इससे पहले 17 सितंबर तक भारत ने अफगानिस्तान, बहरीन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इराक, जापान, मालदीव, नाइजीरिया, कतर, यूएई, यूके और यूएसए सहित 13 देशों के साथ द्विपक्षीय 'एयर बबल' की व्यवस्था की थी. दो देशों के बीच एक 'एयर बबल' समझौते के तहत विशेष अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानें रेस्ट्रिक्टिव कंडीशन (restrictive condition) के तहत एक-दूसरे के क्षेत्र में उनकी एयरलाइंस (Airline) द्वारा संचालित की जा सकती हैं.
जर्मनी से हुआ करार सस्पेंड
इससे पहले मंगलवार को जर्मनी के साथ एयर बबल व्यवस्था निलंबित कर दी गई. नागरिक उड्डयन महानिदेशक (DGCA) के मुताबिक अभी इस मसले पर बातचीत चल रही है. डीजीसीए के बयान के अनुसार, ‘भारत ने जुलाई 2020 में जर्मनी के साथ एक एयर बबल करार किया था. एयर बबल व्यवस्था के तहत दोनों देशों के नागरिकों लाने की अनुमति थी. डीजीसीए ने आगे कहा कि जहां भारतीय वाहक सप्ताह में 3 से 4 उड़ानों का संचालन करते हैं, वहीं लुफ्थांसा (Lufthansa) ने सप्ताह में 20 उड़ानों का संचालन किया. इस असमानता के बावजूद हमने लुफ्थांसा को एक सप्ताह में सात उड़ानें देने की पेशकश की, जो प्रस्ताव उनके द्वारा स्वीकार नहीं किया. इस विषय पर अभी वार्ता जारी है.
31 अक्टूबर तक बढ़ा प्रतिबंध
वहीं विमानन क्षेत्र के नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने यह जानकारी भी दी कि नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों (International Flights) के परिचालन पर लगी रोक 31 अक्टूबर तक बढ़ा दी गयी है. डीजीसीए ने कहा, ‘हालांकि, सूचीबद्ध अंतरराष्ट्रीय उड़ानों (international flights) को सक्षम प्राधिकरण द्वारा चयनित मार्गों पर चलाने की अनुमति दी जा सकती है. कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रसार पर लगाम के लिए 23 मार्च को लगाये गए लॉकडाउन (Lockdown) के बाद से नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के परिचालन पर रोक है. हालांकि मई से वंदे भारत मिशन (Vande Bharat Mission) के तहत विशेष अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानें मई से भारत और जुलाई से चुनिंदा देशों के साथ किए गए विशेष समझौतों (Special Agreements) से परिचालित की जा रही हैं.
क्या है एयर बबल करार
एयर बबल व्यवस्था के अंतर्गत किन्ही दो देशों में फंसे वहां के नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने की व्यवस्था की जाती है. कोरोना काल में लगाए गए लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान कई बार ऐसी परिस्थितियां बनीं जब किसी भी देश के नागरिक अन्य देश में फंस गए. ऐसे में एयर बबल व्यवस्था के अंतर्गत उन्हें लाया गया.
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