12वीं क्लास में हो गए थे फेल, गर्लफ्रैंड की शर्त ने बदली किस्मत; जानिए इस IPS अधिकारी की कहानी
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12वीं क्लास में हो गए थे फेल, गर्लफ्रैंड की शर्त ने बदली किस्मत; जानिए इस IPS अधिकारी की कहानी

Motivational Story: कई लोग थोड़ी सी असफलता से परेशान हो जाते हैं और हार मान लेते हैं, वहीं मनोज कुमार शर्मा ने 12वीं में फेल होने के बावजूद भी हिम्मत नहीं हारी और कड़ी मेहनत करके अपने सपने को पूरा किया. उनकी ये कहानी छात्रों को प्रेरणा देती है.

फोटो साभार। (ट्विटर)

नई दिल्ली. हर कोई अपनी अनूठी पहचान बनाना चाहता है. इसके लिए लोग जी जान लगाकर खूब पढ़ाई-लिखाई करते हैं. अगर कभी असफलता हाथ लगती है तो अक्सर बच्चों का मनोबल टूट जाता है. इसके बाद कुछ लोग गलत कदम तक उठा लेते हैं. आज हम एक ऐसी शख्सियत के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने कम उम्र में न सिर्फ बड़ी कामयाबी हासिल की बल्कि जीवन में कई असफलताएं देखने के बावजूद भी हिम्मत नहीं हारी और अपनी अलग पहचान बनाई.

  1. 12वीं क्लास में हो गए थे फेल
  2. कड़ी मेहनत करके बने IPS
  3. पढ़ाई के दौरान कर बैठे थे एक लड़की से प्यार

12वीं में हो गए थे फेल

ये कहानी है IPS अधिकारी मनोज कुमार शर्मा की. मनोज 12वीं क्लास में फेल हो गए थे. लेकिन बावजूद इसके उन्हें हार नहीं मानी और देश की सबसे कठिन मानी जाने वाली परीक्षा को पास करे IPS बन गए. उनकी सफलता की कहानी बड़ी ही दिलचस्प है और ये छात्रों को मोटिवेट भी करती है. 

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9वीं और 10वीं क्लास में मिली थी थर्ड डिवीजन

मनोज शर्मा मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के रहने वाले हैं. वे बचपन से ही IAS अधिकारी बनना चाहते थे, लेकिन दुर्भाग्यवश वो 12वीं क्लास में फेल हो गए. इतना ही नहीं 9वीं और 10वीं क्लास में उन्हें थर्ड डिविजन मिली. 12वीं क्लास में मनोज हिंदी के अलावा सभी सबजेक्ट्स में फेल हो गए. हालांकि कई असफलताएं मिलने के बावजूद भी मनोज का खुद से भरोसा नहीं हटा. वो अपने लक्ष्य से हटे नहीं और देश के सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा की तैयारी भी शुरू कर दी.

पढ़ाई के दौरान चलाया था टेंपो

मनोज ने अपनी कहानी एक किताब में लिखी है. उनकी इस किताब का नाम है 'ट्वेल्थ फेल'. इसमें उन्होंने बताया है कि पढ़ाई के दौरान उन्होंने ग्वालियर में टेंपो भी चलाया. उनके घर के हालात इतने ज्यादा बुरे थे कि उनके घर पर छत तक नहीं थी. इस कारण उन्हें भिखारियों के साथ भी सोना पड़ता था. लेकिन उनके कड़े संघर्ष ने उन्हें आसमान की बुलंदियों तक पहुंचा दिया. उन्होंने दिल्ली में लाइब्रेरी कम चपरासी की नौकरी की. इस दौरान उन्होंने गोर्की और अब्राहम लिंकन से लेकर मुक्तबोध जैसे कई बड़े लोगों के बारे में पढ़ा और उनके द्वारा किए काम को बखूबी समझा. इन किताबों को पढ़कर उन्होंने जिंदगी के असल पहलुओं को समझा.

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एक लड़की से हुआ था प्यार

मनोज को क्लास 12 में पढ़ने के दौरान एक लड़की से प्यार हो गया. लेकिन वह कभी उसके सामने अपने प्यार का इजहार नहीं कर सके. उन्हें डर था कहीं लड़की 12वीं फेल समझकर उनके प्यार को ठुकरा न दे. आखिरकार उन्होंने लड़की के सामने अपने प्यार का इजहार कर दिया. उन्होंने लड़की को प्रपोज करते हुए कहा कि तुम हां करो और साथ दो तो मैं पुरी दुनिया को पलट दूंगा. इसके बाद मनोज ने कड़ी मेहनत की और सारी बातें सच कर दिखाईं. उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी और सफलता हासिल की. वह साल 2005 बैच के महाराष्ट्र कैडर से आईपीएस बने. फिलहाल वह मुंबई में एडिशनल कमिश्रनर ऑफ वेस्ट रीजन के पद पर तैनात हैं..

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