कोरोना काल में इसरो ने रचा इतिहास, अंतरिक्ष में फिट होगी भारत की तीसरी आंख
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कोरोना काल में इसरो ने रचा इतिहास, अंतरिक्ष में फिट होगी भारत की तीसरी आंख

EOS01 एक रेडार इमेज‍िंग सैटलाइट है. इसका एडवांस्‍ड रिसैट का सिंथैटिक अपरचर रेडार बादलों के पार देख सकने में सक्षम है. किसी भी मौसम में दिन या रात की बंदिश के बिना ये बादलों के पार देख सकता है. इससे देश की आंतरिक सुरक्षा मजबूत होगी वहीं समुद्री सीमा की निगरानी पुख्ता तौर पर सुनिश्चित हो सकेगी.

फाइल फोटो.

नई दिल्ली : इंडियन स्‍पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (Indian Space Research Organisation)  ने 2020 का पहला सैटलाइट लॉन्‍च कर दिया है. कोरोना काल और अनलॉक के इस दौर की लॉन्चिंग के जरिए इतिहास रच दिया गया. श्रीहरिकोटा (Sriharikota) स्थित सतीश धवन स्‍पेस सेंटर से हुए लॉन्‍च में रॉकेट पीएसएलवी सी-49 ( PSLV C49)  भारत के अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट (EOS01) के अलावा 9 विदेशी कमर्शियल सैटेलाइट भी साथ ले गया है. 

भारत की आसमानी आंख EOS01
प्राइमरी सैटलाइट EOS01 एक रेडार इमेज‍िंग सैटलाइट है. इसका एडवांस्‍ड रिसैट का सिंथैटिक अपरचर रेडार बादलों के पार देख सकने में सक्षम है. किसी भी मौसम में दिन या रात की बंदिश के बिना ये बादलों के पार देख सकता है. इससे देश की आंतरिक सुरक्षा मजबूत होगी वहीं समुद्री सीमा की निगरानी पुख्ता तौर पर सुनिश्चित हो सकेगी. यानी भारत की ये आकाशीय आंख खेती, वानिकी और भूगर्भ शास्‍त्र के अध्यन में भी कारगर साबित होगी.

नौ विदेशी कमर्शियल सैटलाइट्स में लिथुआनिया का एक, लक्समबर्ग के चार और चार अमेरिकी सैटेलाइट भी हैं. सभी की कामयाब लॉन्चिंग से कोरोना काल में इसरो ने कामयाबी का नया इतिहास रच दिया. इसरो के 51वें मिशन की लॉन्‍चिंग के साथ संगठन 328 विदेशी सैटलाइट अंतरिक्ष में भेजने में कामयाब रहा है.   

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