ISRO Surya Mission 2023: चांद आया मुट्ठी में, अब सूरज की बारी; ISRO ने किया ऐलान, इस दिन कूच करेगा 'सूर्य मिशन'
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ISRO Surya Mission 2023: चांद आया मुट्ठी में, अब सूरज की बारी; ISRO ने किया ऐलान, इस दिन कूच करेगा 'सूर्य मिशन'

ISRO Surya Mission 2023 Launching Date: चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग के बाद अब चांद भारत की मुट्ठी में आ चुका है. अब भारत ने सूरज को फतह करने पर अपनी निगाहें गड़ा दी हैं. 

ISRO Surya Mission 2023: चांद आया मुट्ठी में, अब सूरज की बारी; ISRO ने किया ऐलान, इस दिन कूच करेगा 'सूर्य मिशन'

ISRO Surya Mission 2023 Launching News: चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर बुधवार को सफल लैंडिंग के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिकों के हौंसले बुलंद हैं. चांद को मुट्ठी में करने के बाद अब वैज्ञानिक सूरज को फतह करने की तैयारी में जुटने वाले हैं. चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग होते ही बुधवार देर शाम इसके लिए ऐलान कर दिया गया. ISRO ने चंद्रमा के बाद अब वह सूर्य पर रिसर्च करने के लिए अपने 'आदित्य-एल1' को सूर्य की ओर रवाना करेगा. उसने इस सूर्य मिशन को रवाना करने के लिए बाकायदा समय भी घोषित कर दिया. 

4 महीने में 15 किमी का सफर

ISRO के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने बताया कि सूर्य मिशन के लिए 'आदित्य-एल1' उपग्रह (ISRO Surya Mission 2023) सितंबर के पहले सप्ताह में लॉन्च किया जाएगा. यह मिशन करीब 120 दिन यानी 4 महीने में 15 लाख किमी की दूरी तय करके सूर्य की कक्षा में पहुंचेगा. वहां पर सौर वातावरण का अध्ययन करेगा और आंकड़े इकट्ठे करके पृथ्वी पर भेजेगा. 

इस जगह से होगा लॉन्च

उन्होंने बताया कि 'आदित्य-एल1' का प्रक्षेपण (ISRO Surya Mission 2023) श्रीहरिकोटा से किया जाएगा. वहां पर सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित भारतीय वेधशाला तैयार की जा रही है. इसरो के अनुसार, सूर्य मिशन पर जाने वाले अंतरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के पहले लैग्रेंज बिंदु, एल1 के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा. एल1 बिंदु के आसपास उपग्रह को बिना किसी ग्रहण/ग्रहण के लगातार सूर्य को देखने का प्रमुख लाभ है.

सूर्य देव के नाम पर मिशन

'आदित्य-एल1' उपग्रह (Aditya-L1 Satellite) का नाम सूर्य देव के नाम पर रखा गया है. उसे भारतीय रॉकेट ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) द्वारा ले जाया जाएगा. इस  उपग्रह को जल्द ही रॉकेट के साथ एकीकृत करने का काम शुरू हो जाएगा. सूर्य मिशन के बाद गगनयान मिशन आगे बढ़ेगा. यह मिशन भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा है.

गगनयान पर भी चल रहा काम

इसरो चीफ सोमनाथ (ISRO Chief S. somnath) ने कहा कि गगनयान मिशन इस साल सितंबर के अंत या अक्टूबर के पहले सप्ताह में लॉन्च किया जाएगा. उन्होंने बतााय कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इस साल अपने जीएसएलवी रॉकेट के साथ इन्सैट 3डीएस उपग्रह की परिक्रमा करने की भी योजना बना रही है. उसके बाद, अन्वेषा उपग्रह और XPoSAT- एक एक्स-रे पोलारिमीटर उपग्रह की परिक्रमा की जाएगी. यह चरम स्थितियों में उज्ज्वल खगोलीय एक्स-रे स्रोतों की गतिशीलता का अध्ययन करने के लिए देश का समर्पित पोलारिमेट्री मिशन होगा.

शुक्र ग्रह भी है लिस्ट में

पीएसएलवी रॉकेट पर रडार इमेजिंग सैटेलाइट - RISAT-1B - के प्रक्षेपण की योजना 2023 के दौरान बनाई गई है. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी दो IDRSS (इंडियन डेटा रिले सैटेलाइट सिस्टम) उपग्रहों की परिक्रमा करने की भी योजना बना रही है. इन रॉकेटिंग मिशनों (ISRO New Gagan Mission) के अलावा, इसरो विभिन्न प्रणालियों का परीक्षण करेगा जो पहले मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए उसके LVM3 रॉकेट में जाएंगे. इसरो ने 2024 में शुक्र के लिए एक उड़ान 'वीनस मिशन' भी निर्धारित है. 

(एजेंसी आईएएनएस)

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