चीनी घुसपैठ को रोकने के लिए आईटीबीपी ने लद्दाख में और बटालियन की मांग की
Advertisement

चीनी घुसपैठ को रोकने के लिए आईटीबीपी ने लद्दाख में और बटालियन की मांग की

लद्दाख में चीन-भारत सीमा पर मौजूदगी बढ़ाने के प्रयास में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर 6,000 अतिरिक्त जवान तैनात करने की मांग की है जहां चीन की सेना द्वारा सीमा के उल्लंघन के मामले देखे गये हैं।

नई दिल्ली : लद्दाख में चीन-भारत सीमा पर मौजूदगी बढ़ाने के प्रयास में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर 6,000 अतिरिक्त जवान तैनात करने की मांग की है जहां चीन की सेना द्वारा सीमा के उल्लंघन के मामले देखे गये हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने आज कहा कि लद्दाख से अरूणाचल प्रदेश तक चीन के साथ लगी 3488 किलोमीटर लंबी सीमा की चौकसी कर रहे आईटीबीपी ने एलएसी पर बिना पहरे वाले स्थानों को भरने के लिए छह बटालियन तैनात करने का प्रस्ताव रखा है।

सूत्रों ने कहा कि उक्त प्रस्ताव गृह मंत्रालय के विचाराधीन है वहीं बल को बर्फीले इलाकों में कठिन परिस्थितियों में काम करने के बाद इसके जवानों को आराम मिल सके, इस मकसद से आठ अतिरिक्त बटालियन (करीब 8000 जवानों) को तैनात करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गयी है।

आधिकारिक आकलन के अनुसार आईटीबीपी का औसतन एक जवान अपने कार्यकाल का 80 प्रतिशत समय प्रतिकूल मौसम में बिताता है और शेष 20 प्रतिशत वीवीआईपी तथा अन्य लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने में लगाता है।

सूत्रों के अनुसार बल लेह से ऊपर लद्दाख क्षेत्र में अपनी तैनाती बढ़ाना चाहता है क्योंकि चीन से लगी जम्मू कश्मीर की 1597 किलोमीटर लंबी सीमा पर उसे कुछ अत्यधिक चुनौतीपूर्ण सीमावर्ती क्षेत्रों पर पहरा देना होता है।

फिलहाल इस क्षेत्र में आईटीबीपी की आठ बटालियन हैं जिसमें लगभग एक समय करीब 6,000 सशस्त्र जवान होते हैं।

सूत्रों के मुताबिक आईटीबीपी महानिदेशक कृष्णा चौधरी के नेतृत्व में वरिष्ठ अधिकारियों के एक दल ने गृह मंत्रालय के समक्ष विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया था जिस पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी सहमति जताई और इसके बाद मंजूरी दी गयी।

Trending news