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नई दिल्ली: लेह से लेकर अरुणाचल प्रदेश की चीन से लगती सीमा पर सर्दियों के दौरान भी ITBP दुश्मन पर कड़ी नजर रखेगी ताकि चीन के किसी भी साजिश को नाकाम किया जा सके. ITBP ने इन इलाकों में ठंड और बर्फीले मौसम से अपने जवानों को बचाव के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसे लेकर ITBP के डीजी संजय अरोड़ा ने मीडिया से खास बातचीत की.
उन्होंने कहा, 'ITBP हमेशा विंटर के लिए सितंबर से पहले तैयारी कर लेती है चाहे वहां स्टॉकिंग हो या वहां इक्विपमेंट हो हम सितंबर से पहले ही यह पूरी तैयारी कर लेते हैं. ITBP को हमेशा प्रकृति से बहुत ज्यादा खतरा रहता है ऐसे में हम खुद को पूरी तरह से उसके हिसाब से तैयार रखते हैं. इस बार भी सर्दियों से पहले ही हमने खुदको तैयार कर लिया है.'
ITBP के डीजी ने ये भी कहा कि हम LAC पर पूरी तरीके से तैयार हैं किसी भी घटना का जवाब देने में आईटीबीपी सक्षम है. जब ये पूछा गया कि चीन अपनी तरफ बड़े-बड़े बिल्डअप कर रहा है, तो चीन को लेकर जब सवाल पूछा गया तो संजय अरोड़ा ने कहा कि चीन भी हमारी तरह एक देश है हम चीन के लिए भी पूरी तरीके से तैयार हैं हम लोगों का मोराल हाई है. उन्होंने कहा कि हम रोड कनेक्टिविटी को आगे लेकर के बढ़ा रहे हैं जैसे-जैसे हम लोग आगे बढ़ रहे हैं हर इलाके में हमारी रोड कनेक्टिविटी बॉर्डर पर हो रही है.
पेट्रोललिंग के दौरान आए दिन लाइन ऑफ कंट्रोल पर चीनी सेना के साथ झड़प को देखते हुए जहां ITBP के जवानों की तैनाती बढ़ाई जा रही है वहीं LoC पर चीन की चालाकी को समझने के लिए ITBP के जवानों को चीन की भाषा मैंडरिन सिखाई जा रही है.
गलवान सहित दूसरी जगहों पर चीन से गतिरोध के बाद भारत चीन सीमा पर तैनात ITBP अपने यहां चल रहे चीनी लैंग्वेज कोर्स को और आधुनिक बनाएगी. इसका मकसद है सीमा पार तैनात चीनी सैनिकों से भारतीय सुरक्षाबल बेहतर तरीके से संवाद कर सकें. इस योजना के तहत कोर्स की संख्या बढ़ाना और सारे जवानों के लिए उनकी जरूरत के हिसाब से ट्रेनिंग प्लान तैयार करना शामिल है.
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ITBP ने अपने मसूरी स्थित अकैडमी में इस कोर्स की शुरुआत कर दी है जिसमें कई बैच पढ़ाने की तैयारी की जा रही है. कोरोना की वजह से बीच में इस कोर्स को रोका गया था लेकिन अब दोबारा से इसे शुरू करने का प्लान है. भारत चीन सीमा पर तैनात करीब 90 हजार जवानों की फोर्स है. आइटीबीपी के हर जवान जो चीन सीमा पर तैनात होंगे. उनको बेसिक चीनी भाषा की ट्रेनिंग देने का प्लान है. इससे पहले भी जवानों के लिए चीनी भाषा का कार्यक्रम लागू था लेकिन अब और ज्यादा योजनाबद्ध तरीके से हर एक जवान को इस पाठ्यक्रम से जुड़े कोर्स को पूरा करना होगा.
फोर्स के जवानों को चीनी भाषा सिखाने की जिम्मेदारी ITBP के चीनी भाषा डिपार्टमेंट की है जहां इससे जुड़े पाठ्यक्रम को नया रूप देने की योजना पर काम चल रहा है. ज़ी न्यूज़ को ITBP सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कमांडो ट्रेनिंग के दौरान ही बेसिक ट्रेनिंग कोर्स में सीखने वाले आइटीबीपी कर्मियों की तादात चीनी भाषा सीखने की बढ़ाई जाएगी. इसके साथ ही समय-समय पर 3 से 4 महीने के जो रिफ्रेशर कोर्स होते रहते हैं अब उनकी संख्या भी बढ़ाई जाएगी. सूत्रों के मुताबिक पाठ्यक्रम में ऑडियो और वीडियो ट्रेनिंग पर खास जोर दिया जाएगा.
चीन सीमा पर तैनात होने वाले ITBP के जवानों को बड़े स्तर पर चीनी भाषा सीखने का अभियान ITBP की तरफ से किया जाएगा. अब आपको ITBP के जवान" नी हाओ "यानी नमस्कार और" हुई कु" यानी पीछे हट जाओ जैसी चीनी भाषा को बोलते नजर आएंगे.