जम्‍मू-कश्‍मीर: आतंक के रास्‍ते में निकले पुलवामा के 3 युवक, सोशल मीडिया में तस्‍वीरें हुईं वायरल
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जम्‍मू-कश्‍मीर: आतंक के रास्‍ते में निकले पुलवामा के 3 युवक, सोशल मीडिया में तस्‍वीरें हुईं वायरल

एके-47 राइफल के साथ सोशल मीडिया में मौजूद तस्‍वीरों के मुताबिक तीनों युवकों ने लश्‍कर-ए-तैयबा नामक आतंकी संगठन ज्‍वाइन किया है.

सोशल मीडिया में इन तस्‍वीरों के आने के बाद सुरक्षाबलों ने कथिततौर पर आतंकी बने तीनों युवकों की तलाश शुरू कर दी है. (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली: जम्‍मू और कश्‍मीर के पुलवामा इलाके में रहने वाले तीन युवकों ने अमन का रास्‍ता छोड़ आतंक का हाथ थाम लिया है. आतंकी बने इन तीनों युवकों की तस्‍वीरें इन दिनों सोशल मीडिया में वायरल हो चुकी है. एके-47 राइफल के साथ सोशल मीडिया में मौजूद तस्‍वीरों के मुताबिक तीनों युवकों ने लश्‍कर-ए-तैयबा नामक आतंकी संगठन ज्‍वाइन किया है. जम्‍मू-कश्‍मीर पुलिस का स्‍पेशल ऑपरेशन स्‍क्‍वायड इन तस्‍वीरों की सत्‍यता की जांच में जुट गई है. 

  1. आतंकवादी बने पुलवामा के तीन युवक
  2. सुरक्षाबलों ने शुरू की तीनों की तलाश
  3. लश्‍कर-ए-तैयबा में शामिल हुए तीनों युवक

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पाकिस्‍तान मूल के आतंकी संगठन लश्‍कर-ए-तैयबा ज्‍वाइन करने वाले तीनों युवकों की पहचान इरशाद डार, नजीम डार और रफीक डार के रूप में हुई है. तीनों युवक लंबे समय से अपने घर से लापता था. गुरुवार सुबह अचालन तीनों युवकों की तस्‍वीरें हथियारों के साथ सोशल मीडिया में वायरल होना शुरू हो गई. जिसके बाद, जम्‍मू और कश्‍मीर पुलिस के साथ खुफिया एजेंसियां इन तीनों युवकों का सुराग तलाशने की कवायद में जुट गई हैं.

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आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, कथित तौर पर आतंक का रास्‍ता अपनाने वाले तीनों युवकों के परिजनों से बातचीत कर पुलिस वास्‍तविकता पता लगाने की कोशिश कर रही है. सुरक्षाबल से जुड़े वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि नजीम डार नामक युवक मूल रूप से पुलवामा के काकापोरा इलाके का रहने वाला है. उसने हाल में बैचलर ऑफ कम्‍प्‍यूटर एप्‍लीकेशन (बीसीए) की डिग्री हालिस की थी. बताया जा रहा है कि नजीम डार में 17 जून को लश्‍कर-ए-तैयबा का आतंकी बना है.

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उन्‍होंने बताया कि कथित तौर पर आतंकी बनने वाला दूसरा युवक इरशाद डार पुलवामा के त्रिचाल का रहने वाला है. उसने अरबी भाषा में मौलवी का कोर्स किया है. सूत्रों की मानें तो इरशाद डार पहले आतंकियों के स्‍लीपर सेल की तरह काम कर रहा था. लश्‍कर-ए-तैयबा ने उसे घाटी के युवकों को गुमराह कर आतंक के रास्‍ते में ढकेलने की जिम्‍मेदारी सौंपी हुई थी. कई युवकों को आतंक के रास्‍ते में ढकेलने के बाद वह खुद एक जून को लश्‍कर-ए-तैयबा का आतंकी बन गया.

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वहीं, आतंक के रास्‍ते पर निकले रफीक डार मूल रूप से संबूरा इलाके का रहने वाला है. उसने दसवीं तक की पढ़ाई की है. सूत्रों की माने तो बीते दिनों तक वह पत्‍थरबाजों को इकट्ठा कर सुरक्षाबलों पर पत्‍थरबाजी की घटनाओं को अंजाम दिलाता आया है. एक जून को रफीक ने एके-47 उठाकर घाटी में अमन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वहीं, सोशल मीडिया में इन तस्‍वीरों के आने के बाद सुरक्षाबलों ने कथिततौर पर आतंकी बने तीनों युवकों की तलाश शुरू कर दी है. 

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