नई दिल्ली में रक्षा सूत्रों के मुताबिक, इस साल 29 मई तक संघर्षविराम उल्लंघन की कुल 908 घटनाएं हुईं जबकि पिछले साल 860 घटनाएं हुई थीं.
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श्रीनगर: भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के 2003 में हुए समझौते का ‘अक्षरश:’ पालन करने पर सहमत होने के करीब एक हफ्ते बाद पाकिस्तानी रेंजर्स ने यहां अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारतीय चौकियों को निशाना बनाकर मोर्टार दागे और गोलीबारी की जिसमें सीमा सुरक्षा बल के एक अधिकारी समेत दो जवान शहीद हो गये.
पाकिस्तानी रेंजर्स ने अखनूर सेक्टर के प्रगवाल इलाके और नजदीक के कंचक और खौर सेक्टरों में रविवार (3 जून) को भारी गोलीबारी की और मोर्टार दागे, जिसमें एक पुलिसकर्मी और एक महिला समेत 10 लोग जख्मी भी हुए हैं. इस वजह से लोगों को अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा.
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आधी रात के बाद रविवार को एक बजकर करीब 15 मिनट पर पाकिस्तान की ओर से प्रगवाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा अग्रिम चौकियों को निशाना बनाकर बिना उकसावे के गोलीबारी की गई, जिसमें सहायक उपनिरीक्षक एसएन यादव (48) और कांस्टेबल वीके पांडे गंभीर रूप से जख्मी हो गए. उन्होंने बताया कि दोनों घायलों को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया.
Two BSF personnel killed in cross-border firing by Pakistan in #JammuAndKashmir's Akhnoor. More details awaited. pic.twitter.com/slYwGVrYvM
— ANI (@ANI) June 2, 2018
अधिकारी ने बताया कि बीएसएफ के कर्मियों ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया. सीमापार से हुई गोलीबारी संघर्षविराम का उल्लंघन है. अधिकारी ने बताया कि सीमापार से हुई गोलीबारी कंचक और खौर इलाकों तक गई तथा अंतिम रिपोर्ट आने तक गोलीबारी जारी थी.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान की गोलाबारी में नौ नागरिक और एक पुलिस कर्मी जख्मी हुए हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उन्होंने बताया कि छह घायलों की पहचान, सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल जाकिर खान, सुलक्षणा देवी (25), बंसीलाल (40) बलविंदर सिंह (22), सुधाकर सिंह (50) और विक्रम सिंह (34) के तौर पर हुई है.
29 मई को भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों (डीजीएमओ) ने जम्मू कश्मीर में सरहद पर गोलीबारी की घटनाओं को तुरंत रोकने के लिए 2003 के संघर्षविराम समझौते को अक्षरश : लागू करने पर सहमति जताई थी. विशेष हॉट लाइन पर हुई बातचीत में दोनों कमांडरों ने नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मौजूदा स्थिति की समीक्षा भी की थी. हॉटलाइन पर बातचीत करने की पहल पाकिस्तानी डीजीएमओ ने की थी.
बातचीत भारत के डीजीएमओ ले. जनरल अनिल चौहान और पाकिस्तान के डीजीएमओ मेजर जनरल साहिर शमशाद मिर्जा के बीच हुई थी. इसके बाद दोनों सेनाओं ने एक जैसा बयान जारी करके कहा था कि दोनों पक्ष 15 साल पुराने संघर्षविराम समझौते को लागू करने पर सहमत हैं.
मई माह के मध्य में लगातार नौ दिन पाकिस्तानी पक्ष की ओर से भारी गोलाबारी के चलते सीमा के समीप रहने वाले निवासियों को अपने आशियानों को छोड़कर सुरक्षित ठिकानों की शरण लेनी पड़ी थी. नई दिल्ली में रक्षा सूत्रों के मुताबिक, इस साल 29 मई तक संघर्षविराम उल्लंघन की कुल 908 घटनाएं हुईं जबकि पिछले साल 860 घटनाएं हुई थीं.