Jammu-Kashmir BJP: जम्मू-कश्मीर की दो सीटों पर सबसे बड़ा चुनावी रण, BJP की बढ़ेंगी मुश्किलें या लहराएगा भगवा?
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Jammu-Kashmir BJP: जम्मू-कश्मीर की दो सीटों पर सबसे बड़ा चुनावी रण, BJP की बढ़ेंगी मुश्किलें या लहराएगा भगवा?

Jammu-Kashmir News: पिछले तीन दशकों में लाल चौक काफी अशांत रहा है. इसने चुनाव बहिष्कार और पथराव देखा है, लेकिन अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद लाल चौक का पुनर्निर्माण किया गया और ऐतिहासिक घंटाघर पर तिरंगा लगाकर इसे पर्यटन केंद्र में बदल दिया गया.

Jammu-Kashmir BJP: जम्मू-कश्मीर की दो सीटों पर सबसे बड़ा चुनावी रण, BJP की बढ़ेंगी मुश्किलें या लहराएगा भगवा?

Jammu-Kashmir Election 2024: बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर में हो रहे विधानसभा चुनाव के पहले दो चरणों में 13 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे हैं. दक्षिणी कश्मीर में 8 और मध्य कश्मीर से 5. लेकिन इन सब में जो अहम निर्वाचन क्षेत्र हैं वो लाल चौक और ईदगाह है. लाल चौक का ऐतिहासिक महत्व है, कश्मीर के सभी बड़े फैसले लाल चौक पर ही लिए गए हैं. 

इसे कश्मीर का दिल माना जाता है. पिछले तीन दशकों में यह इलाका काफी अशांत रहा है. इसने चुनाव बहिष्कार और पथराव देखा है, लेकिन अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद लाल चौक का पुनर्निर्माण किया गया और ऐतिहासिक घंटाघर पर तिरंगा लगाकर इसे पर्यटन केंद्र में बदल दिया गया.

दशकों पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस स्थान से तिरंगा फहराया था, जब कश्मीर में आतंकवाद चरम पर था और आज भाजपा ने इस उम्मीद के साथ उम्मीदवार उतारा है कि तिरंगे के साथ भाजपा का झंडा भी लाल चौक से फहराया जाएगा.

क्या बोले बीजेपी उम्मीदवार

भाजपा उम्मीदवार इंजिनियर एजाज हुसैन, जो लाल चौक से डीडीसी भी चुने गए थे, ने कहा कि मैंने इस निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के लिए बहुत काम किया है. हम लोगों से वो वादा करते हैं कि हम कर सकते हैं. एक विधायक अनुच्छेद 370 को वापस नहीं ला सकता, जो एनसी और पीडीपी लोगों से वादा कर रहे हैं और उन्हें धोखा दे रही है. हमारा घोषणापत्र सरल है, कश्मीर के विकास और शांति के लिए काम करना और लोगों को हमें खुद को साबित करने का एक मौका देना चाहिए और अगर कोई मुस्लिम भाजपा में चुना जाएगा तो वह समुदाय के लिए बात करेगा. इंजीनियर ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि इस बार लाल चौक से कमल खिलेगा.

क्या ईदगाह में खिलेगा भगवा

ईदगाह एक और निर्वाचन क्षेत्र है, जहां से भाजपा उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. यह क्षेत्र श्रीनगर के ऐतिहासिक डाउनटाउन में आता है और अगर हम अनुच्छेद 370 हटने से पहले डाउनटाउन की स्थिति को याद करें तो हड़ताल, पत्थरबाजी और विरोध प्रदर्शन ही दिमाग में आएंगे. जब भी कश्मीर में चुनाव की घोषणा होती थी. डाउनटाउन अलगाववाद और चुनाव बहिष्कार का केंद्र बना रहता था और केवल कुछ प्रतिशत मतदान ही होता था, लेकिन अब स्थिति अलग है. 

लोकसभा चुनाव में क्षेत्र में मतदाताओं की भारी भीड़ देखी गई और विधानसभा चुनाव में माना जा रहा है कि रिकॉर्ड तोड़ मतदान होगा. भाजपा ने डाउनटाउन के सबसे महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्र ईदगाह से आरिफ राजा को मैदान में उतारा है.

आरिफ राजा ने कहा कि मैंने क्षेत्र के युवाओं के लिए अथक काम किया है और आज ईदगाह में तस्वीर अलग है, मेरा एक ही नारा है सबका साथ सबका विश्वास और सबका विकास और मुझे यकीन है कि सबसे पहले ईदगाह से कमल खिलेगा. जब उनसे चुनाव में मुकाबले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मेरा किसी क्षेत्र से मुकाबला नहीं है, युवा मेरे साथ हैं, वे समझदार हैं और बेहतर उम्मीदवार चुनेंगे."

तीसरे चरण में उतरेंगे ज्यादा उम्मीदवार

भाजपा उत्तर कश्मीर के लिए तीसरे चरण में अधिक उम्मीदवारों को मैदान में उतार सकती है. भाजपा कश्मीर में सभी निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव तो नहीं लड़ेगी, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि कश्मीर से कमल ज़रूर खिलेगा और वे कई निर्दली उम्मीदवारों को समर्थन देने की प्रक्रिया में भी हैं, जिनमें से अधिकतर ऐसे हैं जो एनसी या पीडीपी से मैंडेट न मिलने के बाद चुनाव निर्दलीय लड़ रहे हैं और अपने-अपने क्षेत्रों में अच्छी पकड़ रखते हैं. भाजपा जो ज्यादातर जम्मू प्रांत पर ध्यान केंद्रित कर रही है, उन्हें उम्मीद है कि घाटी में कुछ निर्दलीय  उम्मीदवारों के समर्थन से वह जम्मू कश्मीर में पहली बार सरकार स्थापित करने में सफल होगी.  

 

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