Pravin Janjal martyred: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम (Kulgam Attack) में लांस नायक प्रदीप कुमार (Pardeep Kumar) और सिपाही प्रवीण जंजाल प्रभाकर (Pravin Janjal Prabhakar) ऑपरेशन (Indian Army Encounter) के दौरान शहीद हो गए. प्रवीण जंजाल ने इस हमले से दो घंटे पहले ही अपने घर पर फोन किया था. जानें किस मामले पर हुई थी बात, शहीद प्रवीण के परिवार की क्या है कहानी.
Trending Photos
Kulgam Attack: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में शनिवार, 6 जुलाई को दो अलग-अलग इलाकों में शुरू हुई दो मुठभेड़ों में 6 आतंकवादी मारे गए हैं. वहीं सेना के दो जवान शहीद हो गए, फ्रिसल चिन्नीगाम में हुई मुठभेड़ में भारत के सपूत राष्ट्रीय राइफल्स के सिपाही प्रवीण जंजाल प्रभाकर शहीद हो गए. प्रवीण की उम्र 25 साल की थी.
घर में भेजे थे पैसे
प्रवीण जंजाल इस हादसे से पहले ही अपने घरवालों से बात की थी, टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक दोपहर के करीब 3.50 बजे प्रवीण ने घर फोन करके यह जानने की कोशिश की थी कि यूपीआई के माध्यम से भेजे गए 49,000 रुपये घर वालों को मिले की नहीं. प्रवीण के घर में एक नया मकान बन रहा है, जिसमें पैसों की जरूरत थी. इसके अचानक दो घंटे के बाद ही सैनिक यूनिट से एक कॉल आई और दुखद सूचना मिली की प्रवीण अब नहीं रहे.
महाराष्ट्र के रहने वाले थे प्रवीण
महाराष्ट्र के अकोला जिले के मोरगांव गांव के रहने वाले प्रवीण जंजाल के घर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. चचेरे भाई शैलेश गवई ने मीडिया को बताया कि पैसे भेजने के तुरंत बाद प्रवीण ने अपने बड़े भाई सचिन को फोन किया था. पूरा परिवार गमगीन है.
"The valour of bravehearts kindles the eternal flame of legends"#Kashmir@adgpi@NorthernComd_IA pic.twitter.com/88pTXwl2rQ
— Chinar Corps- Indian Army (@ChinarcorpsIA) July 7, 2024
प्रवीण की इच्छा रह गई अधूरी
जंजाल परिवार अपने बेटे के निधन पर शोक मना रहा है, जो एक बहादुर सैनिक था जिसने कर्तव्य की राह पर अपनी जान दे दी. उनका घर भले ही बन गया हो, लेकिन उनकी खुशियों की नींव ढह गई है, जिससे उन्हें एक ऐसे खालीपन से जूझना पड़ रहा है जिसे कभी भरा नहीं जा सकता. प्रवीण अपने बने हुए घर को भी नहीं देख पाएगा, जिसके लिए उसने पैसे भेजे थे.
पिता करते हैं खेती
चचेरे भाई शैलेश ने बातचीत में बताया "प्रवीण के पिता प्रभाकर खेती किसानी करते हैं. उनके पास करीब डेढ़ एकड़ खेत है. उसे जोते-बोते हैं. उन्हें अपनी जमीन से जो मिलता है, वह कम ही पड़ता है, इसलिए उनके पिता ने दूसरों के खेत भी ले रखे हैं.
कुछ महीने पहले हुई थी शादी
प्रवीण के सेना में शामिल होने के बाद ही परिवार के हालात बदल गए थे, प्रवीण की शादी एक साल से भी कम समय पहले श्यामबाला से हुई थी. प्रवीण के भाई-बहन सचिन और प्रवीण ने सैन्य भर्ती रैलियों के लिए एक साथ तैयारी की थी. शैलेश ने कहा, "प्रवीण का चयन उसके पहले प्रयास में ही हो गया था, जबकि उसका भाई अब राज्य पुलिस में भर्ती होने के लिए मेहनत कर रहा है."
कश्मीर से पहले अरुणाचल प्रदेश में दी सेवा
चचेरे भाई ने बताया कि प्रवीण द्वितीय महार रेजिमेंट में भर्ती हुआ और बाद में राष्ट्रीय राइफल्स में चला गया, जिसमें दो साल के कार्यकाल के लिए सेना की विभिन्न इकाइयों से सैनिक आते हैं. कश्मीर में अपनी पोस्टिंग से पहले प्रवीण ने अरुणाचल प्रदेश में सेवा की थी.
"Martyrdom is not the end, it's the beginning of a Legend "#ChinarCorps Cdr, Chief Secretary UT J&K, DGP J&K, other dignitaries & all ranks paid homage to L NK Pardeep Kumar and Sep Pravin Janjal Prabhakar, who made the supreme sacrifice in the line of duty in #Kulgam on 06 Jul… pic.twitter.com/ORbXuBaSua
— Chinar Corps - Indian Army (@ChinarcorpsIA) July 7, 2024
सोमवार को होगा दाहसंस्कार
प्रवीण के पार्थिव शरीर को सोमवार सुबह उसके पैतृक स्थान ले जाया जाएगा. नागपुर ले जाने से पहले प्रवीण का शव श्रीनगर ले जाया गया. जहां चिनार कोर कमांडर, मुख्य सचिव जम्मू-कश्मीर, डीजीपी जम्मू-कश्मीर और सभी रैंक के अधिकारियों ने लांस नायक प्रदीप कुमार और सिपाही प्रवीण जंजाल प्रभाकर को श्रद्धांजलि अर्पित की. सेना ने एक्स पर जारी पोस्ट में दोनों बहादुरों की वीरता और बलिदान को सलाम किया गया.
सैन्य अधिकारियों ने बलिदान को किया सलाम
सैन्य अधिकारियों ने कहा कि हम शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं .सैन्य जवान प्रभाकर जंजाल का अंतिम संस्कार आठ जुलाई को महाराष्ट्र के अकोला जिले में उनके पैतृक गांव में होगा. अकोला के तहसीलदार ने कहा कि सोमवार को बलिदानी का पैतृक गांव मोरगांव भाकरे में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.