कश्मीर में आतंकी हमले की आशंका के बाद सरकार की एडवाइजरी के बाद हालात तनावपूर्ण हैं. जम्मू कश्मीर में रविवार को सर्वदलीय बैठक हुई.
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नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में आतंकी हमले की आशंका के बाद सरकार की एडवाइजरी के बाद हालात तनावपूर्ण हैं. रविवार रात को श्रीनगर समेत कई इलाकों में इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया. श्रीनगर में धारा 144 लागू कर दी गई है. उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने दावा किया कि उन्हें उनके घर में ही नजरबंद कर दिया गया है.
इस बीच खबर है कि श्रीनगर में केबल टीवी बंद कर दिया गया है. किसी भी नेता को रैली की इजाजत नहीं है. नेताओं पर सख्ती के सवाल पर गृह मंत्रालय ने कहा है कि ये सब सुरक्षा के मद्देनजर किया गया है. हालांकि किसी भी नेता को हाउस अरेस्ट नहीं किया गया है. इस बीच जम्मू में सभी स्कूल और कॉलेज के साथ साथ कुछ ऑफिसों में भी सुरक्षा की दृष्टि से छुट्टी कर दी गई है. कश्मीर में सोमवार को होने वाली सभी स्कूल कॉलेज की परीक्षाएं आगे बढ़ा दी गई हैं.
इससे पहले रविवार शाम को श्रीनगर में एक सर्वदलीय बैठक हुई. इसमें घाटी के सभी दलों (बीजेपी, कांग्रेस) ने हिस्सा लिया. इस बैठक के बाद फारुख अब्दुल्ला ने कहा, घाटी में लोग डरे हुए हैं. उन्होंने कहा-केंद्र सरकार ऐसा कोई काम न करे, जिससे यहां तनाव भड़के.
सेना की तैनाती पर फारुख अब्दुल्ला बोले- घाटी के लोग डरे हुए हैं, पहले ऐसा कभी नहीं देखा
जम्मू कश्मीर के ताजा हालात पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आपात बैठक भी बुलाई. इसमें राज्य के तमाम आला अधिकारियों ने हिस्सा लिया. जम्मू कश्मीर के अलावा दूसरे जिलों में भी स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं. जम्मू इलाके में सुरक्षाबलों की 40 कंपनियां तैनात की गई है.
Sushma Chauhan, Deputy Commissioner, Jammu: All schools, colleges, and academic institutions, both private and government, are advised to remain closed as a measure of caution. #JammuKashmir pic.twitter.com/5BZGyuitB5
— ANI (@ANI) August 4, 2019
शशि थरूर ने कश्मीरी नेताओं के समर्थन में किया ट्वीट
कश्मीर में इस समय क्या हो रहा है. कश्मीर में आधी रात को नेताओं को क्यों अरेस्ट किया जा रहा है. अगर कश्मीरी हमारे नागरिक हैं तो वहां के नेता हमारे साझीदार हैं. कश्मीर के सियासी नेताओं के साथ आज खड़ा होने का वक्त है. उमर अब्दुल्ला आप अकेले नहीं है. भारत का हर वह नागरिक जो लोकतंत्र भरोसा करता है आपके साथ है.
You are not alone @OmarAbdullah. Every Indian democrat will stand with the decent mainstream leaders in Kashmir as you face up to whatever the government has in store for our country. Parliament is still in session & our voices will not be stilled. @INCIndia https://t.co/QqGa4EgrP3
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) August 4, 2019
इधर घाटी में तनावपूर्ण हालात के बीच सोमवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक राजधानी दिल्ली में होगी. ये बैठक सुबह 9.30 बजे से संभव है. इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के हालात पर भी चर्चा हो सकती है. सूत्रों के अनुसार, संसद सत्र के समापन के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कश्मीर के दौरे पर जा सकते हैं. इधर घाटी में राजनीतिक दलों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में अतिरिक्त सेन्यबलों की तैनाती से यहां पर डर का माहौल बना हुआ है.
अमित शाह ने अजित डाेभाल के साथ बैठक की
इससे पहले रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री ने रविवार को जम्मू एवं कश्मीर में बढ़ते तनाव के बीच एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की. राज्य में भारी संख्या में की गई सुरक्षाबलों की तैनाती ने आशंकाओं और तनावों को जन्म दिया है. बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, गृह सचिव राजीव गौबा, खुफिया ब्यूरो (आईबी) के प्रमुख अरविंद कुमार, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के प्रमुख सामंत कुमार गोयल और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया.
अतरिक्त सचिव (जम्मू एवं कश्मीर डिवीजन) ज्ञानेश कुमार ने अलग से कश्मीर घाटी की स्थिति के बारे में गृहमंत्री को विस्तार से अवगत कराया. सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्री ने आतंरिक सुरक्षा और जम्मू एवं कश्मीर के हालातों पर चर्चा की, जहां आतंकवादी हमलों की आशंका के बाद अमरनाथ यात्रा को रद्द कर दिया गया है.
सरकार ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि सभी पयर्टक और तीर्थयात्री यथासंभव जल्द से जल्द राज्य छोड़ दें. सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा अमरनाथ यात्रा पर हमला किए जाने की साजिश की सूचना मिलने और इन आतंकी हमलों से निपटने की तैयारी के बारे में शाह ने बैठक में चर्चा की.