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नई दिल्ली : आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के अपराध में बेंगलूर जेल में बंद तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की जमानत याचिका सोमवार को उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के लिये आने की संभावना है।
इस मामले से जुड़े वकीलों का कहना था कि इस याचिका पर शीघ्र सुनवाई के लिये उल्लेख करने की प्रक्रिया को अभी पूरा करना है और न्यायालय की रजिस्ट्री इसे उल्लेख करने वाले मामलों की सूची में 13 अक्तूबर को शामिल कर सकती है।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सात अक्तूबर को अन्नाद्रमुक की मुखिया को जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया था। जयललिता ने उच्च न्यायालय के इस आदेश के खिलाफ कल ही शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी।
जयललिता ने जमानत याचिका में कहा है कि इस मामले में उन्होंने कभी भी अपने अधिकारों का दुरूपयोग नहीं किया। इसके अलावा 66 वर्षीय इस नेता ने जमानत के लिये वरिष्ठ नागरिक के साथ ही महिला होने को भी आधार बनाया है।
अन्ना द्रमुक सुप्रीमो जयललिता को बेंगलूर की विशेष अदालत ने 18 साल पुराने मामले में 1991 से 1996 के दौरान उनके मुख्यमंत्री के रूप में पहले कार्यकाल के दौरान आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का दोषी ठहराते हुये चार साल की कैद और सौ करोड़ रूपए के जुर्माने की सजा सुनायी थी। अदालत ने जयललिता की सहयोगी शशिकला, उनके रिश्तेदार वीएन सुधाकरण और इलावरसी को भी चार चार साल की कैद और दस दस करोड़ रूपए जुर्माने की सजा सुनायी थी।