JDU ने कसा लालू पर तंज, कहा - गाय से नहीं, 'चारा खाने वालों' से लगता है डर
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JDU ने कसा लालू पर तंज, कहा - गाय से नहीं, 'चारा खाने वालों' से लगता है डर

आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद के बयान पर पलटवार करते हुए जेडीयू ने कहा कि लोगों को गाय से नहीं, 'चारा खाने वालों' से डर लगता है. 

जेडीयू ने लालू के इस आरोप को निराधार बताया कि सोनपुर मेले में इस बार पशुओं की आवक में कमी आई है....(फाइल फोटो)

पटना: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद के इस बयान पर कि 'पहले लोग शेर से डरते थे, अब गाय से डरते हैं. ये सब मोदी सरकार की देन है', अगले दिन सोमवार को बिहार में सत्तारूढ़ और भाजपा का सहयोगी जनता दल (युनाइटेड) ने पलटवार करते हुए कहा कि लोगों को गाय से नहीं, 'चारा खाने वालों' से डर लगता है. जेडीयू ने लालू के इस आरोप को निराधार बताया कि विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेले में इस बार पशुओं की आवक में कमी आई है. नीतीश कुमार की पार्टी ने दावा किया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस साल ज्यादा पशु मेले में पहुंचे हैं. जेडीयू प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने लालू प्रसाद पर तंज कसते हुए कहा कि आज गाय के कारण लोगों को डर नहीं लग रहा है, बल्कि पिछले कई सालों से गाय का 'चारा खाने वालों' से डर लगता है.  

  1. जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने लालू प्रसाद पर कसा तंज
  2. कहा - लालू को तथ्य और तर्क से कोई मतलब नहीं रहता
  3. उनकी राजनीति ही जात-पात और समाज तोड़ने की रही है 

राजद प्रमुख ने रविवार को कहा था कि गाय व मवेशियों के साथ बढ़ते डर को देखकर सोनपुर का मवेशी मेला बिना मवेशियों वाले मेले में तब्दील हो गया है. सोनपुर मेला एशिया का सबसे बड़ा मवेशियों का मेला माना जाता रहा है. नीरज ने लालू के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, "लालू प्रसाद अपनी राजनीति में प्रारंभ से ही बिना सिर-पैर की बात करते रहे हैं. आज इतने अनुभवी होने के बाद भी वे बिना सिर-पैर की बात करते हैं." 

विधान पार्षद ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा, "पिछले वर्ष से इस साल सोनपुर मेले में ज्यादा पशु आए हैं. पिछले वर्ष मेले में जहां 119 गाय, 1031 बकरी, 18 भैंस, 1626 बैल व 2100 घोड़े ही पहुंच पाए थे, इस साल अब तक इस मेले में 145 गाय, 2287 बैल, 5002 घोड़े, 121 भैंस और 1101 बकरियां पहुंची हैं. मेला समाप्त होने में अभी भी 13 दिन शेष हैं." 

उन्होंने कहा कि लालू को तथ्य और तर्क से कोई मतलब नहीं रहता है. उनकी राजनीति ही जात-पात और समाज तोड़ने की रही है. आज जब उनके पुत्र और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है, तब वे लोग जांच एजेंसियों से भाग रहे हैं. उनको तो जांच एजेंसियों के सामने आकर खुद सफाई देनी चाहिए. 

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