Jharkhand Political Crisis: झारखंड में सियासी हलचल तेज, UPA को सता रहा BJP की इस चाल का डर, उठाया ये कदम
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Jharkhand Political Crisis: झारखंड में सियासी हलचल तेज, UPA को सता रहा BJP की इस चाल का डर, उठाया ये कदम

Hemant Soren Case: करीब 40 विधायकों को लेकर एक विशेष उड़ान शाम करीब साढ़े चार बजे रांची हवाई अड्डे से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के लिए रवाना हुई. 81 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन के 49 विधायक हैं.

Jharkhand Political Crisis: झारखंड में सियासी हलचल तेज, UPA को सता रहा BJP की इस चाल का डर, उठाया ये कदम

Jharkhand News: झारखंड में सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) राज्य में जारी राजनीतिक संकट के बीच अपने विधायकों बचाने की कोशिश में लग गई है. यूपीए अपने विधायकों को बीजेपी के कथित खरीद-फरोख्त के प्रयासों से बचाने के लिए छत्तीसगढ़ ट्रांसफर कर रही है. करीब 40 विधायकों को लेकर एक विशेष उड़ान शाम करीब साढ़े चार बजे रांची हवाई अड्डे से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के लिए रवाना हुई. 81 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन के 49 विधायक हैं.

सोरेन बोले- राजनीति में ऐसा होता है

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हवाई अड्डे से बाहर आने के बाद कहा, ‘‘यह आश्चर्यजनक कदम नहीं है. यह राजनीति में होता है. हम किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं.’’ विधायक सोरेन के आवास से दो बसों से निकले थे और उनमें से एक बस में आगे की सीट पर खुद सोरेन सवार थे. वह बिरसा मुंडा हवाई अड्डे में कुछ देर रहने के बाद बाहर आए.कांग्रेस के एक विधायक ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि विधायकों को गैर-बीजेपी सरकार वाले राज्य छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक रिसॉर्ट में ट्रांसफर किया जाएगा. सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का मानना ​​है कि बीजेपी महाराष्ट्र की तरह सरकार गिराने के लिए उसके और कांग्रेस से विधायकों की खरीद फरोख्त के लिए गंभीर प्रयास कर सकती है.

सार्वजनिक नहीं किया गया EC का फैसला

लाभ के पद के मामले में सोरेन को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराने की बीजेपी की याचिका के बाद चुनाव आयोग ने 25 अगस्त को राज्य के राज्यपाल रमेश बैस को अपना फैसला भेज दिया है. हालांकि चुनाव आयोग के फैसले को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन चर्चा है कि चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री को विधायक के रूप में अयोग्य घोषित करने की सिफारिश की है. राजभवन ने इस मामले में अभी तक कुछ भी घोषणा नहीं की है. यूपीए विधायकों ने राज्यपाल से इस भ्रम को दूर करने का अनुरोध करते हुए कहा है कि वे किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं.

यूपीए के घटक दलों ने लगाया ये आरोप

यूपीए के घटक दलों - झामुमो, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद)  ने 28 अगस्त को एक संयुक्त बयान में राज्यपाल पर मुख्यमंत्री की विधानसभा की सदस्यता पर निर्णय की घोषणा में ‘‘जानबूझकर देरी’’ करके राजनीतिक खरीद-फरोख्त को प्रोत्साहित करने का आरोप लगाया था. इससे पहले 27 अगस्त को भी अटकलें लगाई जा रही थीं कि यूपीए विधायक पश्चिम बंगाल या छत्तीसगढ़ में किसी अज्ञात स्थान पर जाएंगे, क्योंकि विधायक बैठक के लिए मुख्यमंत्री आवास में सामान के साथ दाखिल हुए थे. उस दिन बाद में, वे तीन बसों में रांची से छत्तीसगढ़ की सीमा के पास लतरातू (खूंटी जिला) के लिए रवाना हुए और शाम तक राज्य की राजधानी लौट आए. झारखंड मंत्रिमंडल की बैठक एक सितंबर को शाम 4 बजे होनी है.

इनपुट-पीटीआई

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