जम्मू कश्मीर (JK) में होने जा रहे जिला विकास परिषद (DDC) धीरे-धीरे बीजेपी बनाम गैर-बीजेपी का रूप लेते जा रहे हैं.
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श्रीनगर: जम्मू कश्मीर (JK) में होने जा रहे जिला विकास परिषद (DDC) के चुनाव धीरे-धीरे बीजेपी बनाम गैर-बीजेपी का रूप लेते जा रहे हैं. विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि गैर-बीजेपी उम्मीदवारों को सुरक्षित आवास और प्रचार की सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है.
DDC चुनावों में प्रतिबंध लगाए जाने का आरोप
DDC चुनावों में शामिल गुपकार अलायंस का कहना है कि उनके उम्मीदवारों पर सुरक्षा के नाम पर कई प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं. आतंकियों से बचाने के नाम पर प्रशासन इन्हें 'सुरक्षित' स्थान पर रखकर उन्हें अपने क्षेत्रों में प्रचार करने के लिए पर्याप्त सुविधाएं नहीं दे रहा है. आरोप है कि बीजेपी और उसके सहयोगियों को चुनाव प्रचार के लिए एस्कॉर्ट की सुविधा दी जा रही है. जबकि विपक्षी उम्मीदवारों को इससे वंचित रखा जा रहा है.
हमारे उम्मीदवारों को प्रचार का पर्याप्त मौका नहीं- NC
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रांतीय अध्यक्ष नासिर असलम वानी कहते हैं, 'वे हमारे उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार का मौका देने से इनकार कर रहे हैं. वे उन्हें होटल या आवासों में रख रहे हैं. फिर घंटों इंतजार के बाद उन्हें सुरक्षा गाड़ी में एक साथ लेते है और प्रचार के लिए उनके इलाकों में ले जाते हैं. जबकि बीजेपी और उससे जुड़े दलों को अलग से सुरक्षा मिली हुई है.'
PDP ने की सरकारी तंत्र की शिकायत
पीडीपी नेता खुर्शीद आलम कहते हैं कि यह शिकायत नहीं हकीकत है. जो भी निर्दलीय या गुपकार अलायंस के उम्मीदवार DDC चुनाव के लिए नामांकन भर रहे हैं. उन्हें सुरक्षा के नाम पर तुरंत पुलिस सुरक्षित जगहों पर ले जाती है और अनावश्यक बाहर निकलने से इनकार कर देती है.
प्रत्येक उम्मीदवार को सुरक्षा देना मुश्किल- आईजी कश्मीर
वहीं आईजी कश्मीर विजय कुमार कहते हैं कि प्रत्येक कैंडिडेट को सुरक्षा प्रदान करना बहुत मुश्किल है. इसलिए उनकी सुरक्षा के लिहाज से उन्हें सेफ हाउस में रखा जा रहा है. इसके बाद पुलिस सुरक्षा में सबको एक साथ प्रचार के लिए उनके इलाकों में ले जाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि किसी पार्टी विशेष को प्राथमिकता देने के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है.
उम्मीदवारों को सुरक्षा देना राजनीतिक विवाद बना
पुलिस के स्पष्टीकरण के बावजूद जम्मू कश्मीर में यह एक राजनीतिक विवाद बन चुका है. विपक्षी पार्टियों का कहना है कि ऐसा करके बीजेपी को फायदा पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. वहीं बीजेपी का कहना है कि गुपकार गठबंधन समझ चुका है कि इन चुनावों में उसकी हार निश्चित है. इसलिए वह अपनी खिसियाहट मिटाने के लिए इस तरह के आरोप लगा रहा है.
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सभी उम्मीदवारों को प्रचार की स्वतंत्रता- बीजेपी
बीजेपी की राज्य सचिव रशीदा मीर कहती हैं कि विपक्षी उम्मीदवारों को भी प्रचार के लिए उतनी ही स्वतंत्रता है, जितनी कि बीजेपी उम्मीदवारों को. ऐसे में भेदभाव के आरोप लगाना सही नहीं है. वे कहती हैं कि इस बार लोग अलगाववादियों से निजात चाहते हैं. विपक्षी दलों को इस बात की भनक है. इसलिए वे बौखलाहट में इस तरह का आरोप लगा रहे हैं.
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