Kanjhavla case: सात आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने 800 पेज के आरोप पत्र दाखिल किए, जानिए क्या-क्या लगे इन पर आरोप
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Kanjhavla case: सात आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने 800 पेज के आरोप पत्र दाखिल किए, जानिए क्या-क्या लगे इन पर आरोप

Delhi Police ने कंझावला मामले में सात आरोपियों के खिलाफ शनिवार को 800 पृष्ठों का आरोपपत्र दाखिल किया है. पुलिस ने दो जनवरी को इस मामले में दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्ण, मिथुन और मनोज मित्तल को गिरफ्तार किया था. अदालत ने दो अन्य आरोपी आशुतोष भारद्वाज और अंकुश को पहले ही जमानत दे दी थी.

Kanjhavla case: सात आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने 800 पेज के आरोप पत्र दाखिल किए, जानिए क्या-क्या लगे इन पर आरोप

Delhi Nerws: दिल्ली पुलिस ने कंझावला मामले में सात आरोपियों के खिलाफ शनिवार को 800 पृष्ठों का आरोपपत्र दाखिल किया है. एक जनवरी की सुबह सुल्तानपुरी से कंझावला तक एक कार के नीचे फंसकर घिसटने से 20 वर्षीय युवती की मौत हो गई थी. जाे खबर काफी चर्चा में रहीं थी. मामला तूल पकड़ने के बाद पुलिस सक्रिय हुई और आराेपियाें के खिलाफ जांच शुरू कर दी थी. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सान्या दलाल ने आरोपपत्र पर विचार करने के लिए 13 अप्रैल की तारीख तय की है.

इन लाेगाें पर हुई कार्रवाई

पुलिस ने दो जनवरी को इस मामले में दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्ण, मिथुन और मनोज मित्तल को गिरफ्तार किया था. अदालत ने दो अन्य आरोपी आशुतोष भारद्वाज और अंकुश को पहले ही जमानत दे दी थी. एक सत्र अदालत ने दीपक खन्ना की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. पुलिस के अनुसार, सात लोगों को गिरफ्तार किया गया और जांच पूरी होने के बाद करीब 117 गवाहों के साथ 800 पृष्ठों का एक आरोपपत्र तैयार किया गया है.

पुलिस ने कहा जांच के दौरान एकत्रित की गई सामग्री और सबूतों के आधार पर आरोपियों पर अभियोग चलाने के लिए पर्याप्त सामग्री है. आरोपपत्र के अनुसार, अमित खन्ना, कृष्ण, मिथुन और मनोज मित्तल पर हत्या का आरोप लगाया गया है. आशुतोष और अमित खन्ना पर मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है.

ये भी लगे आराेप

इसमें कहा गया है कि सभी आरोपियों पर आपराधिक षडयंत्र, सबूत नष्ट करने, अपराधी को पनाह देने, साझा मंशा और झूठी सूचना देने के आरोप लगाए गए हैं. दिल्ली पुलिस ने अमित खन्ना पर लापरवाही से गाड़ी चलाने और दूसरों की जान या निजी सुरक्षा खतरे में डालकर क्षति पहुंचाने के अतिरिक्त आरोप लगाए हैं. दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत पुलिस को 90 दिन के भीतर आरोपपत्र दाखिल करना होता है.

दिल्ली पुलिस ने मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) लगाई थी. उसने पहले गैर इरादतन हत्या और लापरवाही से गाड़ी चलाने का मामला दर्ज किया था. गौरतलब है कि अंजलि सिंह (20) की नए साल के दिन मौत हो गई थी, जब उसकी स्कूटी को एक कार ने टक्कर मार दी थी और स्कूटी के कार में फंसने के बाद वह उसकाे साथ घिसटते चली गई थी.

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