Trending Photos
Kanpur Violence Updates: कानपुर में शुक्रवार को नमाज के बाद हुई हिंसा (Kanpur Violence) में नाम पूछ-पूछकर हिंदुओं को निशाना बनाया गया. जब एक समुदाय के लोग जबरदस्ती दुकान बंद करवा रहे थे तो विरोध करने पर जमकर पथराव किया गया. उपद्रवियों ने वहां से गुजर रहे एक रिक्शा चालक का नाम पूछा और फिर उसको घेरकर जमकर पीटा. रिक्शा चालक को अधमरा छोड़कर उपद्रवी फरार हो गए.
रिपोर्ट के मुताबिक दंगे के दौरान वहां से मुकेश नामक व्यक्ति अपना रिक्शा लेकर गुजर रहा था. दंगाइयों की भीड़ ने उसे रोका और नाम पूछा. जैसे ही उपद्रवियों को पता चला कि रिक्शा चालक हिंदू है, उसे नीचे उतारकर जमकर मारा गया. उसके सिर पर भी वार किया गया, जिससे वह अचेत हो गया. इसके बाद उपद्रवी वहां से फरार हो गए. बाद में गंभीर रूप से घायल चालक को लोग अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उसकी हालत क्रिटिकल बनी हुई है.
वहीं कानपुर में हिंसा (Kanpur Violence) के बाद यूपी सरकार ने सख्त रुख अपना लिया है, सीएम योगी (Yogi Adityanath) ने कानपुर हिंसा का संज्ञान लेते हुए सभी प्रशासनिक अधिकारियों को हिदायत दी कि प्रदेश में माहौल बिगाड़ने वालों के साथ साथ सख्ती से निपटा जाए. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के सभी पुलिस- प्रशासनिक अधिकारियों से बात करते हुए उन्हें राज्य में कानून-व्यवस्था हर हाल में बहाल रखने का निर्देश दिया. उन्होंने कानपुर के अधिकारियों को हिदायत दी कि उपद्रवियों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए. जरूरत पड़े तो वहां पर एक्सट्रा पुलिस फोर्स लगाई जाए.
सीएम योगी (Yogi Adityanath) ने कहा कि अनावश्यक बयानबाजी कर माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे लोगों के खिलाफ भी कड़ा एक्शन लिया जाए. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश में किसी भी जगह सड़कों पर धार्मिक गतिविधियां आयोजित न हों. उन्होंने अफसरों को टाइम लाइन देते हुए कहा कि अगली 10 जून तक राज्य की सभी सड़कें अतिक्रमण मुक्त हो जानी चाहिए और अवैध टैम्पो स्टैंड हटा दिए जाएं. साथ ही बसों को भी उनके निर्धारित स्थान पर ही खड़ा कराया जाए.
मुख्यमंत्री (Yogi Adityanath) ने कहा कि 11 जून को मंत्री समूह प्रदेश के मंडलों और जिलों का दौरा करेंगे. इस दौरान वह समूह उनकी ओर से दिए गए बिंदुओं की समीक्षा करेगा और लापरवाही पाए जाने पर दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
वहीं कानपुर में भड़की हिंसा पर सूफी खानकाह एसोसिएशन ने बड़ा बयान दिया है. एसोसिएशन का कहना है कि इस हिंसा में PFI का हाथ है. सूफी खानकाह एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूफी कैसर हसन मजीदी ने कहा कि PFI ने स्थानीय अपराधियों की मदद से शहर में हिंसा फैलाई. उन्होंने इस हिंसा मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है.
ये भी पढ़ें- DNA with Sudhir Chaudhary: कश्मीरी मुसलमान हिंदुओं के लिए आवाज कब उठाएंगे? कब निभाया जाएगा बराबरी का भाईचारा?
बताते चलें कि पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणियों के विरोध में शुक्रवार को दंगे (Kanpur Violence) भड़क गए. शुक्रवार की नमाज के बाद समुदाय विशेष के लोगों ने अपना विरोध दर्ज करवाने के लिए आसपास की दुकानें जबरन बंद करवाने की कोशिश की, जिसका हिंदू समुदाय के लोगों ने विरोध किया. इसके बाद समुदाय विशेष के लोगों ने उन पर पथराव शुरू कर दिया.
LIVE TV