Kargil Vijay Diwas: 1999 में भी पाकिस्तान तो कुचलने के लिए काफी थी भारत की सेना, 2024 में 'कारगिल' जैसा सोचना भी पड़ेगा महंगा
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Kargil Vijay Diwas: 1999 में भी पाकिस्तान तो कुचलने के लिए काफी थी भारत की सेना, 2024 में 'कारगिल' जैसा सोचना भी पड़ेगा महंगा

Kargil Vijay Diwas 26 July: 1999 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान कारगिल सेक्टर से पाकिस्तानियों को खदेड़ने के लिए भारतीय सेना की कार्यवाही को 'ऑपरेशन विजय' (Operation Vijay) नाम दिया गया था. उस प्रॉक्सी युद्ध में भी भारत की जीत हुई थी. 2024 में कारगिल जैसी घुसपैठ असंभव है. कारगिल में तैनात भारत के हथियार दुश्मन का नामोनिशान मिटाने को काफी हैं.

Kargil Vijay Diwas: 1999 में भी पाकिस्तान तो कुचलने के लिए काफी थी भारत की सेना, 2024 में 'कारगिल' जैसा सोचना भी पड़ेगा महंगा

Kargil war: आज कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) है. 1999 में कारगिल में पाकिस्तान ने कारगिल में घुसपैठ की थी. उस जबरिया थोपे गए प्रॉक्सी युद्ध में भी भारत की जीत हुई थी. 2024 में कारगिल जैसी घुसपैठ असंभव है. आज भारत की ताकत का लोहा पूरी दुनिया मानती है. कारगिल में तैनात भारत के हथियार दुश्मन देश का नामोनिशान मिटाने के लिए काफी हैं. तब बोफोर्स तोप के गोले 27 KM तक जाते थे आज केनाइन वज्र के गोले 40 किलोमीटर तक हमला करते हैं. आज भी पाकिस्तानी फौज, भारत की सेना से खौफ खाती है. मिसाइल डिफेंस सिस्टम S- 400, नए-नए टैंक T-90, अटैक ड्रोन नागास्त्र, गाइडेड बम, रफाल, सुखोई, अपाचे, पिनाका और रॉकेट यानी हर हथियार चारों दिशाओं में तैनात हैं. ऐसे में आज पाकिस्तान के पास इतनी कूबत नहीं कि वो भारत से किसी संघर्ष के बारे में सोच भी सके. 

कारगिल ना होगा दोबारा

पाकिस्तान ने बंटवारे के बाद से जब जब सीमा पर साजिश का फन उठाया भारतीय सेना ने उसे बुरी तरह कुचल दिया. का​रगिल की साजिश का अंजाम भी पाकिस्तान आज तक भुगत रहा है. दूसरी ओर 1999 से 2024 तक भारतीय सेना इतनी ताकतवर हो चुकी है कि पाकिस्तान कारगिल जैसी घुसपैठ के बारे में सोच तक नहीं सकता. भारत, रक्षा क्षेत्र में सुपर पावर बन चुका है. ऐसे में हमें ज़मीन से लेकर पहाड़ तक और आसमान से लेकर समंदर तक छेड़ने की जरा सी भी हिमाकत पूरे पाकिस्तान का वजूद मिटा देगी.

 

युद्ध के मैदान में एक कहावत मशहूर है कि पहाड़ों की लड़ाई में जिसका तोपखाना जितना मजबूत है. उसकी जीत उतनी ही पक्की है.और इस लिहाज से अगर पाकिस्तानी सेना ने कारगिल जैसा दुस्साहस करने के बारे में सोचा भी तो उसको भारतीय सेनाएं दस गुना तेजी से तबाह करेंगी.

सबसे मजबूत तोपखाना

  • 1999 में कारगिल वॉर के दौरान उंची चोटियों पर चुपचाप कब्जा जमाकर बैठ गए पाकिस्तानी सैनिकों को बोफोर्स के धमाकों ने तबाह किया था.
  • बोफोर्स के साथ साथ भारत ने रॉकेट लॉन्चरों से जो हमला किया था. उस बुरी हालत को पाकिस्तान की सेना कभी भी याद नहीं रखना चाहेगी. 
  • कारगिल जंग में 2.5 लाख गोले यानि हर मिनट में 1 गोला दागा गया था. अब तो पहाड़ में छिपे दुश्मन को तबाह करने की आर्टिलरी पावर भी कई गुना बढ़ चुकी है. 

सर्वशक्तिमान भारत की ताकत को जानिए

भारत के तोपखाने की नई ताकत है केनाइन होवित्ज़र वज्र, जिसमें टैंक की रफ्तार है और तोपखाने की मार है. साउथ कोरिया की मदद से भारत में तैयार की गई के-9 वज्र स्वचालित होवित्जर तोप 40 किलोमीटर तक किसी भी दुश्मन को ठिकाने लगा सकती है. इसमे टैंक की बख्तरबंद बॉडी है.जिसके अंदर सैनिक सुरक्षित रहते हैं. और इसके ऊपर एक तोप लगी रहती है ​जो लंबी दूरी तक गोले दाग सकती है. ये टैंक के मुकाबले लंबी दूरी तक दुश्मन पर निशाना साध सकती है. वहीं बस 15 सेकंड में K-9 वज्र कारगिल जैसे रणक्षेत्र में पाकिस्तानी फौज के छक्के छुड़ा देगी. इसके अलावा भारत के पास 52 कैलीबर वाली ATGS तोप मौजूद है. जिसकी मारक क्षमता 48 किमी तक की है. इस कैलीबर की गन में इतनी दूरी तक प्रहार करने का यह विश्व रिकॉर्ड है.

यानि इस बार कोई गड़बड़ की तो 29 किलोमीटर की रेंज वाली बोफोर्स के सामने दम तोड़ चुकी पाकिस्तानी सेना का सामना दोगुनी रेंज वाली तोप से होगा. इस स्वदेशी तोप के अलावा अमेरिकन होवित्जर एम-777 जिसकी रेंज 40 किलोमीटर है, वो भी भारतीय सेना में शामिल हो चुकी है.

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2019 से अब 2024 में है जमीन और आसमान जितना फर्क

M777 अल्ट्रा-लाइट हॉवित्जर तोपों  को चिनूक हेलीकॉप्टर के जरिए बहुत आसानी से तैनात किया जा सकता है.

इसके अलावा लगभग 37 किलोमीटर की रेंज वाली स्वदेशी तोप धनुष भी पाकिस्तान की किसी भी साजिश का खौफ़नाक जवाब देगी.

1999 की तुलना में भारत का तोपखाना आज इतना मजबूत है कि पाकिस्तान की सेना इसके सामने नहीं पड़ना चाहिए. 

वायुसेना की ताकत से खौफ खाता है पाकिस्तान

भारत के तोपखाने के अलावा कारगिल युद्ध में भारत की वायुसेना ने घुसपैठियों को बड़ा सबक सिखाया था. लेकिन उस वक्त भारत के पास Mi-17 जैसे हेलिकॉप्टर और मिग 21, मिग 27, मिग 29 और मिराज 2000 जैसे लड़ाकू विमान थे.

लेकिन अब भारत ऐसे आधुनिक एयरक्राफ्ट से लैस है जिनकी मौजूदगी किसी दुश्मन को पहाड़ों पर टिकने नहीं देगी. 

भारतीय सेना का तेजी से आधुनिकीकरण हो रहा है.वायुसेना के पास अब सुखोई 30 MKI और रफाल जैसे आधुनिक लड़ाकू विमान मौजूद हैं. जिनका तोड़ पाकिस्तान के पास नहीं है. ऐसे में पहाड़ों पर अगर कोई घुसपैठ हुई तो रफाल और सुखोई की जोड़ी ऐसी बमवर्षा करेगी. जो पाकिस्तान की साजिश को पलक झपकते ही हवा कर देगी. 

नई पीढ़ी का रफाल भारतीय वायुसेना का सबसे आधुनिक लड़ाकू विमान है. जो भारत की सीमा के अंदर से पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों और ठिकानों को तबाह कर सकता है. 

कारगिल के दौरान भारतीय वायुसेना पर LoC क्रॉस नहीं करने का दबाव था. उस वक्त मिराज 2000 के इज़रायली गाइडेड बमों ने पाकिस्तान की सेना की  कमर तोड़ी थी.  

राफाल का दम

रफाल की ताकत सीमा के उस पार मौजूद दुश्मनों की जान पर भारी है. सिर्फ एक मिनट में 18000 मीटर की उंचाई पर जाने वाला रफाल 52000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है. यह पहाड़ों में कम जगह में उतर सकता है. इसका मतलब कारगिल जैसे युद्धक्षेत्र में रफाल दुश्मन की मौत है. रफाल का रडार सिस्टम 100 किमी के दायरे में एक बार में एक साथ 40 टारगेट डिटेक्ट कर सकता है. रफाल में तीन तरह की मिसाइल लगाई जा सकती हैं. हवा से हवा में मार करने वाली मीटियोर मिसाइल, हवा से जमीन में मार करने वाल स्कैल्प मिसाइल और हैमर मिसाइल. स्कैल्प मिसाइलें तो 300 किलोमीटर दूर मौजूद टारगेट को भी निशाना बना सकती हैं.

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भारत के सुखोई 30 MKI भी पाकिस्तान का काल

यह पहाड़ों पर कम जगह में उतर सकता है. इसका मतलब कारगिल जैसे युद्धक्षेत्र में रफाल दुश्मन की मौत है.  भी पाक फौज के लिए मौत का दूसरा नाम है. इसके 12 हार्ड प्वाइंट्स में 4 तरह के रॉकेट्स चार तरह की मिसाइल और 10 तरह के बम या फिर इन सबको जरूरत के हिसाब से लोड कर अपने टारगेट को उड़ाया जा सकता है.

Su-30 के हार्डप्वाइंट्स में हथियारों को दागने की ज्यादा सुविधा है. ये एक बार में 8130 KG वजन के 14 हथियारों से हमला कर सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत 86 सुखोई 30 फाइटर जेट्स को सुपर सुखोई यानि पांचवी पीढ़ी के फाइटर जेट्स जैसा ताकतवर बनाने जा रहा है. 

अभी भी सुखोई और ब्रह्मोस का कॉन्बिनेशन दुश्मन का सर्वनाश माना जाता है. फाइटर जेट सुखोई और रफाल के अलावा अब भारतीय सेना की ताकत एक ऐसा लड़ाकू हेलीकॉप्टर भी है. जिसकी ताकत पाकिस्तान के लिए आफ़त से कम नहीं है.

कारगिल के वक्त भारत के पास इतनी उंचाई पर लड़ने वाला कोई अटैक हेलीकॉप्टर नहीं था. MI 17 पर हेलीकॉप्टर पर रॉकेट पॉड्स लगाकर हमले का विकल्प इस्तेमाल किया गया. लेकिन PAK सेना के पास मौजूद स्टिंगर मिसाइलें MI 17 के लिए खतरा बन गईं. जिसके बाद फाइटर जेट्स ने कमान संभाली. लेकिन आज भारत के पास अमेरिकन अपाचे और स्वदेशी प्रचंड के तौर पर ऐसे हेलीकॉप्टर मौजूद हैं जो पहाड़ों पर छिपे दुश्मनों को चुन चुन कर ख़त्म कर सकते हैं. 

कमाल का अपाचे

इसके अलावा चार पाइलॉन हार्डप्वाइंट्स हैं. विंगटिप पर AIM-92 स्टिंगर ट्विन मिसाइल पैक लगाया जा सकता है. अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर (apache attack helicopter) में AGM-114 हेलफायर मिसाइल के वैरिएंट्स लगाए जा सकते हैं. हवा से हवा में मार करने वाली स्टिंगर, एजीएम-65 मैवरिक और स्पाइक मिसाइलें इसकी मारक क्षमता को और बढ़ाती हैं.

अपाचे हेलीकॉप्टर दुश्मन के हमले के जवाब में फ्लेयर्स का इस्तेमाल करके अपनी रक्षा भी कर सकता है.

 वहीं भारत का स्वदेशी हेलीकॉप्टर प्रचंड भी 5 हजार मीटर यानि 16 हज़ार 400 फीट की उंचाई पर टेक आफ और लैंड कर सकता है. सियाचिन ग्लेशियर और लद्दाख जैसे युद्ध क्षेत्रों के लिए तैयार प्रचंड की ताकत दुनिया को हैरान कर रही है. हवा से ज़मीन और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस प्रचंड दुश्मन का एयर डिफेंस सिस्टम भी तबाह कर सकता है. 

प्रचंड ताकत

अटैक हेलीकॉप्टर के साथ साथ भारत के पास अब ऐसे किलर ड्रोन भी आ गए हैं. जो कारगिल के वक्त मौजूद होते तो शायद इस जंग का नक्शा कुछ और होता सर्विलांस और अटैक में माहिर रीपर, हेरोन टीपी और हर्मीस के साथ साथ भारत के स्वदेशी कामिकेज़ ड्रोन नागास्त्र पहाड़ों पर युद्ध का रुख बदल सकते हैं. भारत के आत्मघाती ड्रोन नागास्त्र की पूरी दुनिया में चर्चा चल रही है.

नागास्त्र

नागास्त्र 4500 मीटर की उंचाई पर जाकर किसी टारगेट को सेट करके उसे ख़त्म कर सकता है. सिर्फ 9​ किलो वजन वाला नागास्त्र दिन और रात दोनों वक्त उड़ान भर सकता है. उड़ान भरने के बाद अगर टारगेट नहीं सेट होता तो इस आत्मघाती ड्रोन को सेना सुरक्षित वापिस भी बुला सकती है. ड्रोन वॉरफेयर ने अब युद्ध के तरीकों को पूरी तरह से बदल दिया है. मिडिलईस्ट से लेकर यूक्रेन वॉर ज़ोन तक दुनिया घातक ड्रोन वॉर फेयर देख रही है.

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अब तो अमेरिका और इज़रायल से मिले रीपर और हेरोन टीपी जैसे ड्रोन सर्विलांस करने के साथ साथ टारगेट नज़र आते ही उसे ख़त्म करने की क्षमता भी रखते हैं.

S- 400

कारगिल युद्ध में पाकिस्तान की एयरफोर्स ने हिस्सा नहीं लिया था. लेकिन अब तो भारत के पास ऐसा एयर डिफेंस सिस्टम आ गया है जो पाकिस्तान की एयरफोर्स के लड़ाकू विमानों को आसमान में उड़ने का मौका तक न देगा. और पाकिस्तान की मिसाइलों को भी उसके ही इलाके में मार गिराएगा. S-400 की तैनाती के बाद पाकिस्तान की तरफ से किसी भी मिसएडवेंचर की आशंकाएं और भी कम हो गई हैं.

दुनिया के सबसे घातक एयर डिफेंस सिस्टम में शुमार S- 400, 600 किलोमीटर तक की रेंज में करीब 160 टारगेट ट्रैक कर सकता है. 400 किलोमीटर तक 72 टारगेट को ट्रैक कर सकता है और रेंज में आते ही उनको निशाना बना सकता है. पाकिस्तान के पास S 400 का कोई जवाब मौजूद नहीं है. यानि अगर पाकिस्तान का कोई फाइटर जेट उड़ान भी भरेगा तो एस 400 के निशाने पर आ जाएगा. 

पाकिस्तान के सारे एंबेसडर 300 से 400 किलोमीटर की रेंज के अंदर है कुछ सोचते भी नजदीक है तो जैसे ही हवाई जहाज उसके एयरपोर्ट से टेक ऑफ करते हैं इस वक्त हिंदुस्तान ने 400 के माध्यम से पाकिस्तान के अंदर ही इन जहाजों को बर्बाद कर सकता है उनकी मिसाइल को बर्बाद कर सकता है उनके क्रूज मिसाइल को बर्बाद कर सकता है.

पाकिस्तान ​दीवालिया होने की कगार पर खड़ा है. भारत से जंग उसके लिए मुमकिन नहीं.क्योंकि भारत की अर्टिलरी और आसमान की क्षमताओं के साथ साथ अब भारत के सैनिकों के हाथों में ऐसी राइफलें आ चुकी हैं.

सिग सॉयर असॉल्ट राइफल 

कारगिल युद्ध के दौरान भारत के सैनिकों के हाथ में इंसास राइफलें थीं.लेकिन अब भारतीय सेना को AK सीरीज़ की सबसे घातक एके 203 राइफलें मिल रही हैं इसके अलावा भारतीय सेना अब अमेरिकन सिग सॉयर असॉल्ट राइफलें का इस्तेमाल करती है. कारगिल की ज्यादातर लड़ाइयों में चोटी पर कब्जे के लिए आमने सामने या बहुत कम दूरी पर भी लड़ाई हुई थी. ऐसे में हल्की अचूक और ज्यादा रेंज वाली घातक मिसाइलें युद्ध में बढ़त दिलाने की गारंटी है.

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हल्की और हर मौसम में कारगर AK 203 एक मिनट में 700 फायर करती है. 500 से 800 मीटर की दूरी पर अचूक निशाना लगाती है. इसका वजन 3.8 Kg है. इसे लेकर पहाड़ चढ़ना और क्लोज़ कॉम्बैट में इस्तेमाल करना आसान है. AK 203 के अलावा अमेरिकन सिग सॉयर जैसी घातक असॉल्ट राइफल लिए भारतीय सैनिकों का सामना करना पाकिस्तान के लिए बुरे सपने से कम नहीं होगा. 

भारत के पास मौजूद कुछ राइफल की बात करें तो वो 750 से 950 गोलियां 1 मिनट में फायर करती है. उसकी रेंज 800 मीटर है. हमारा वेपन सिस्टम किसी भी दुश्मन को मार गिराने के लिए काफी है. भारत के जवानों के पास मौजूद एडवांस पर्सनल वेपंस मोरल बूस्टर हैं. दूसरी ओर पाकिस्तान एक कंगाल मुल्क है. जिसके पास ना तो भारत से लड़ने की ताकत है.ना ही हैसियत. इसके बावजूद पाकिस्तान के अंदर साजिश का जो वायरस है उसकी सेना को सुधरने नहीं देता. गौरतलब है कि पिछले साल तो पाक फौज को अपने कुछ युद्ध अभ्यास बस इसलिए कैंसिल करने पड़ गए थे क्योंकि डीजल पेट्रोल की किल्लत आन पड़ी थी.

पूरी ताकत से कुचल देंगे: मोदी

पाकिस्तान की सेना अब भारत के खिलाफ कारगिल जैसी साजिश करेगी तो फिर से पिटेगी, ये बात पूरा पाकिस्तान जानता है. फिर भी पाक फौज अपने सर्वाइवल के लिए बैक डोर यानी प्रॉक्सी वाली साजिश से बाज़ नहीं आएगी. हिंदुस्तानी फौज भी इस बात को बखूबी समझती है. इसीलिए भारत की फौज लगातार आधुनिक होती जा रही है. कुल मिलाकर डंके की चोट पर कहा जा सकता है कि 1948, 1965, 1971 की युद्ध में जीत के बाद भारत चाहता तो पाकिस्तान के कब्जे वाले अपने कश्मीर को आजाद करा लेता.

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Most Powerful Military Top 10 Armies: दुनिया की चौथी सबसे बड़ी और ताकतवर है Indian Army

Global Firepower Ranking की बात करें तो साल 2024 की सबसे ताकतवर मिलिट्री की सूची आ चुकी है. इसमें अमेरिका फिर नंबर एक पोजिशन पर है. रूस और चीन के बाद चौथे नंबर पर भारत है. भारत के साथ जब-तब पंगे लेनेवाला पाकिस्तान भारत के आसपास कहीं नहीं है. वहीं भारत चाह लेता तो 1999 में भी पाकिस्तान को नेस्तोनाबूद करके अपना अगला-पिछला सारा हिसाब पूरा कर देता. हमारी फौज तब भी पाकिस्तान का फन कुचलने के लिए काफी थी और आज भी दुनिया की टॉप 4 सेनाओं में है. यही वजह है कि पाकिस्तान आमने सामने की लड़ाई जीत न पाने की कसक का बदला जम्मू में घुसपैठ और हमले करा करके निकाल रहा है. कारगिल विजय दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने द्रास से पाकिस्तान को नाम लेकर समझाया है कि भारत के दुश्मन सुधर जाएं नहीं तो नामोनिशान मिटा दिया जाएगा.

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