कर्नाटक में 12 मई को होने वाले विधानसभा चुनावों में सीएम सिद्धारमैया के बादामी सीट से चुनाव लड़ने की अटकलों पर विराम लग गया है. सिद्धारमैया ने सोमवार को खुद मीडिया के सामने ऐसी किसी भी संभावना से इनकार किया.
Trending Photos
नई दिल्ली: कर्नाटक में 12 मई को होने वाले विधानसभा चुनावों में सीएम सिद्धारमैया के बादामी सीट से चुनाव लड़ने की अटकलों पर विराम लग गया है. सिद्धारमैया ने सोमवार को खुद मीडिया के सामने ऐसी किसी भी संभावना से इनकार किया. उन्होंने कहा कि, 'मीडिया में ऐसी खबरें थीं मैं बादामी सीट से लड़ने वाला हूं लेकिन ऐसा नहीं है. उस क्षेत्र के लोग भी मेरे पास आए और बादामी से ही चुनाव लड़ने की बात कही. लेकिन ऐसा कुछ करने का सवाल ही नहीं उठता है.'
चामुंडेश्वरी से चुनाव लड़ेंगे सिद्धारमैया
कांग्रेस ने 12 मई को कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए आज 218 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी कर दी है. पार्टी ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को चामुंडेश्वरी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी परमेश्वर को कोराटेगेरे से उम्मीदवार बनाया है.
There were media reports that I will contest from Badami. People from there also came to me and asked me to contest, but there was no question of doing it: #Karnataka CM Siddaramaiah on why is he not contesting from Badami pic.twitter.com/36X54TUhKt
— ANI (@ANI) April 16, 2018
पार्टी ने कर्नाटक चुनावों के लिए ‘ एक परिवार , एक टिकट ’ का फार्मूला नहीं अपनाया है. उसने मुख्यमंत्री और उनके बेटे को, गृह मंत्री और उनकी बेटी को और कानून मंत्री तथा उनके पुत्र को भी प्रत्याशी बनाया है. इस सूची में राज्य के कुछ मंत्रियों के नाम भी हैं.
चामुंडेश्वरी से चुने गए 5 बार विधायक
चामुंडेश्वरी सीट मैसूर जिले में पड़ती है और यहां हिंदुओं का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल चामुंडेश्वरी मंदिर है. यह मंदिर मैसूर से 13 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी पर स्थित है. चामुंडेश्वरी एक सामान्य सीट रही है और सिद्धारमैया यहां से 5 बार विधायक चुने जा चुके हैं. उन्होंने यहां सबसे पहले 1983 में चुनाव जीता था. वर्तमान में जनता दल (एस) के जीटी देवगौड़ा यहां से विधायक हैं.
वरुणा से भी दो बार जीते
इसके बाद 2008 के परिसीमन में सिद्धारमैया का गढ़ कहे जाने वाला कुछ इलाका चामुंडेश्वरी से कट कर वरुणा विधानसभा में चला गया था. 2008 और 2013 का चुनाव सिद्धारमैया ने यहां से लड़ा और जीत दर्ज की. वरुणा से इस बार उन्होंने अपने बेटे डॉ. यतींद्र को टिकट दिलवाया है. डॉ. यतींद्र इन चुनावों से राजनीति में कदम रख रहे हैं.