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Karnataka HC acquitted mother accused of killing her baby: कर्नाटक हाईकोर्ट (High Court) ने अपने दो महीने के नवजात बीमार बच्चे की हत्या करने की आरोपी एक महिला को बरी कर दिया है. इस मामले में 33 साल की मां ने साल 2016 में तुमकुरु जिले के कोराटागेरे शहर में सांस की समस्या और मिर्गी से पीड़ित बच्चे को नदी में फेंक दिया था.
ट्रायल कोर्ट ने सुनाई थी उम्र कैद की सजा
इस मामले में मधुगिरी ट्रायल कोर्ट ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई थी वहीं इसी के साथ उसके ऊपर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था. लेकिन कर्नाटक हाईकोर्ट ने उसे जेल से तत्काल रिहा करने का आदेश सुनाया. कोर्ट का कहना है कि आरोपी महिला पहले ही छह साल जेल में बिता चुकी है.
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जस्टिस के. सोमशेखर और जस्टिस शिवशंकर अमरन्नावर की खंडपीठ ने यह आदेश पारित किया. इस बेंच ने ये भी कहा कि अभियोजन पक्ष आईपीसी की धारा 302 (Murder) के आरोपों के तहत कोई सबूत पेश करने में विफल रहा है.
कोर्ट की टिप्पणी
हाईकोर्ट की बेंच ने कहा कि उसे आजीवन कारावास की सजा देना उचित नहीं है, इसलिए ट्रायल कोर्ट का आदेश रद्द किया जाता है. इस मामले में आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले की रहने वाली महिला अपने बच्चे और पति के साथ कोराटागेरे आई थी. वहीं नवजात को सांस लेने में समस्या होने के साथ मिर्गी की बीमारी थी. वह उसे स्तनपान कराने में असमर्थ थी.
महिला ने कबूला था अपराध
इन सब से परेशान होकर महिला ने अपने बच्चे को स्वर्णमुखी नदी में फेंक दिया. बाद में खुद को बचाने के लिए उसने इसे लूटपाट का मामला दिखाने का प्रयास किया. उसने कहा कि लुटेरों ने उस पर हमला किया. वह उससे गहने और बच्चे को ले गए.
इस संबंध में उसके पति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने पूछताछ की तो उन्हें मां की भूमिका पर शक हुआ. जब कड़ी पूछताछ की गई तो महिला ने अपना जुर्म कबूल कर लिया.
इनपुट: (IANS)
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