कलबुर्गी जाने से पहले श्रीरामुलु यादगीर में उतरे और वह सबसे पहले शाहपुर तालुक के गोनल गांव स्थित मंदिर में पहुंचे. उन्होंने वहां पूजा-अर्चना की और फिर अपना पत्र देवी के चरणों में रख दिया और उनसे आशीर्वाद मांगा.
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बेंगलुरु: कर्नाटक (Karnataka) में संभावित मंत्रिमंडल विस्तार पर बहस जारी है. इस बीच राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री (Minister of Health and Family Welfare) बी. श्रीरामुलु (B Sriramulu) ने गुरुवार को कथित रूप से प्रसिद्ध देवी दुर्गा (गडे दुर्गम्मा) को पत्र लिखकर जल्द ही उपमुख्यमंत्री बनने का आशीर्वाद मांगा. श्रीरामुलु कलबुर्गी में कल्याण कर्नाटक उत्सव में हिस्सा लेने के लिए यादगीर पहुंचे थे. प्रसिद्ध गोनल दुर्गा देवी मंदिर, बेंगलुरु से 500 किलोमीटर दूर यादगीर जिले के शाहपुर तालुक में स्थित है.
श्रीरामुलु मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का हिस्सा हैं और कई गणमान्य व्यक्ति पहले से ही कल्याण कर्नाटक उत्सव का हिस्सा बनने के लिए कलबुर्गी पहुंचे हैं. यह उत्सव हैदराबाद-कर्नाटक मुक्ति दिवस की खुशी में मनाया जा रहा है, जिसे पिछले साल से कल्याण कर्नाटक उत्सव के रूप में फिर से शुरू किया गया था. यह क्षेत्र हैदराबाद निजाम के शासन से मुक्त हुआ था.
देवी के चरणों में रखा पत्र
कलबुर्गी जाने से पहले श्रीरामुलु यादगीर में उतरे और वह सबसे पहले शाहपुर तालुक के गोनल गांव स्थित मंदिर में पहुंचे. उन्होंने वहां पूजा-अर्चना की और फिर अपना पत्र देवी के चरणों में रख दिया और उनसे आशीर्वाद मांगा.
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पत्र में लिखे 2 लाइन
मंत्री के करीबी सूत्र के अनुसार, उन्होंने एक पत्र लिखा है, जिसमें दो पंक्तियों के साथ उनके हस्ताक्षर हैं. इसमें कहा गया है कि वह जल्द से जल्द उपमुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. सूत्र ने आगे कहा कि मंदिर जाने से पहले श्रीरामुलु ने मंदिर के पुजारी, मारिस्वामी के घर का दौरा किया और वहां से दोनों मंदिर गए और पूजा की.
ये है मान्यता
यहां प्रचलित मान्यता के अनुसार, जो कोई भी इस मंदिर में जाता है और अपने या अपने परिवार के लिए कुछ चाहता है तो वह एक पत्र लिखता है और इसे दुर्गा देवी के चरणों में रख देता है और इच्छा पूरी होने का आशीर्वाद मांगता है.
डी. के. शिवकुमार भी लिख चुके हैं पत्र
कर्नाटक राज्य कांग्रेस कमेटी के प्रमुख डी. के. शिवकुमार ईडी में मामला दर्ज किए जाने के बाद जेल से रिहा होने पर इस मंदिर में गए थे. उनके अनुयायियों का मानना है कि इसी के परिणामस्वरूप उन्हें पार्टी का नेतृत्व करने के लिए चुना गया था.