अपनी शिकायत में, रमेश बाबू ने मालवीय पर गलत सूचना फैलाकर "मतदाताओं के बीच दुश्मनी पैदा करने की साजिश" करने का आरोप लगाया. शिकायत 17 जून को अमित मालवीय द्वारा किए गए एक ट्वीट पर आधारित थी.
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कर्नाटक पुलिस ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ एक वीडियो पोस्ट करने के आरोप में बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है. केपीसीसी संचार और सोशल मीडिया विभाग के सह-अध्यक्ष रमेश बाबू ने हाई ग्राउंड्स पुलिस स्टेशन में मंगलवार को एफआईआर दर्ज करवाई है.
अपनी शिकायत में, रमेश बाबू ने मालवीय पर गलत सूचना फैलाकर "मतदाताओं के बीच दुश्मनी पैदा करने की साजिश" करने का आरोप लगाया. शिकायत 17 जून को अमित मालवीय द्वारा किए गए एक ट्वीट पर आधारित थी.
मालवीय द्वारा किए गए ट्वीट के साथ साझा किए गए एक एनीमेटेड वीडियो में कथित रूप से राहुल गांधी और कांग्रेस को खराब तरीके से दर्शाया गया है. एफआईआर के अनुसार, मालवीय ने वीडियो ट्वीट करते हुए साथ में लिखा, ‘‘राहुल गांधी खतरनाक हैं और वे प्रपंच कर रहे हैं तथा सैम पी जैसे लोग अधिक खतरनाक हैं जो ‘रागा’ का राग अलाप रहे हैं. वे भारत के कट्टर विरोधी हैं, वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शर्मिंदा करने के लिए विदेशों में भारत को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं.’’
Rahul Gandhi is dangerous and playing an insidious game… pic.twitter.com/wYuZijUFAu
— Amit Malviya (@amitmalviya) June 17, 2023
मालवीय के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 (ए), 120 (बी), 505 (2) और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और ‘सद्भाव बनाए रखने के लिए पूर्वाग्रहयुक्त कार्य करने’ और साजिश से संबंधित है.
क्या बोली बीजेपी?
बीजेपी ने ने कांग्रेस शासित कर्नाटक में अमित मालवीय के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने को ‘दुखद’ बताया. साथ ही आरोप लगाया कि यह उन्हें डराने और चुप कराने के लिए किया गया.
कर्नाटक पुलिस ने भाजपा के अमित मालवीय के खिलाफ कथित मानहानि और कांग्रेस और राहुल गांधी के खिलाफ लोगों को उकसाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है. बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ट्विटर पर कांग्रेस पर निशाना साधा और आरोप लगाया, ‘‘अमित मालवीय के खिलाफ प्राथमिकी कुछ और नहीं बल्कि चुप कराने और डराने के लिए कानून के प्रावधानों का दुर्भावनापूर्ण इस्तेमाल है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ज्यादा से ज्यादा अगर राहुल गांधी किसी ट्वीट से व्यथित होते तो वह अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर कर सकते थे. बदला लेने के लिए सरकारी तंत्र का इस्तेमाल करना केवल यह दिखाता है कि कांग्रेस का अपना संचार और सोशल मीडिया तंत्र पूरी तरह से अक्षम है और इसलिए उसे अपनी लड़ाई लड़ने के लिए राज्य पुलिस की जरूरत है! दयनीय. अदालत में मिलते हैं.’’