सीमापार मादक पदार्थ तस्करी से निपटने के लिए लोगों ने की कड़े कानून की मांग
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सीमापार मादक पदार्थ तस्करी से निपटने के लिए लोगों ने की कड़े कानून की मांग

गैर राजनीतिक संगठन 'टीम जम्मू' ने गुरुवार को नियंत्रण रेखा के आरपार व्यापार में लगे सभी व्यापारियों के सत्यापन के लिए राज्यपाल एनएन वोहरा के निर्देश को 'ऐतिहासिक' बताया है.

स्थानीय संगठन ने कहा कि सीमापार से मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने के लिए कड़े कानूनों की जरूरत है.(फाइल फोटो)

नई दिल्ली/जम्मू: गैर राजनीतिक संगठन 'टीम जम्मू' ने गुरुवार को नियंत्रण रेखा के आरपार व्यापार में लगे सभी व्यापारियों के सत्यापन के लिए राज्यपाल एनएन वोहरा के निर्देश को 'ऐतिहासिक' बताया है. संगठन ने कहा कि सीमापार से मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने के लिए और कड़े कानूनों की जरूरत है. टीम जम्मू के अध्यक्ष जोरावर सिंह ने कहा कि राज्य में मादक पदार्थ की समस्या प्रत्येक वर्ष बीतने के साथ ही बढ़ रही है. पाकिस्तान हमारे युवाओं का जिंदगी बर्बाद कर रहा है और जम्मू का इस्तेमाल मादक पदार्थ की तस्करी देश के अन्य हिस्सों में करने के लिए एक आधार के तौर पर कर रहा है. आपको बता दें कि वोहरा ने बुधवार को नियंत्रण रेखा के आरपार व्यापार में शामिल व्यापारियों के सत्यापन, संदेहपूर्ण पृष्ठभूमि वाले व्यापारियों का पंजीकरण समाप्त करने तथा मादक पदार्थ एवं प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्करी का पता लगाने के लिए एक प्रभावी तंत्र का आदेश दिया था. 

बीएसएफ सीमा क्षेत्र में लगाएगा सीआईबीएमएस तकनीक
राज्यपाल एनएन वोहरा के निर्देश का समर्थन करते हुए जोरावर सिंह ने कहा कि यह राज्यपाल की ओर से किया गया एक ऐतिहासिक निर्णय है और इससे व्यापार की निगरानी में मदद मिलेगी. पाकिस्तान की आईएसआई व्यापार की आड़ में मादक पदार्थ राज्य में धकेल रहा है तथा लगातार सरकारों के अलावा सत्तारूढ़ एवं विपक्षी विधायक बढ़ते खतरे पर गौर करने और इससे सख्ती से निपटने को एक कानून लाने में असफल रहे हैं. गौरतलब है कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगती सीमा को अगले तीन से पांच साल के भीतर नई तकनीक के माध्यम से चाक- चौबंद करेगा. बीएसएफ की योजना भारत- बांग्लादेश से लगते सीमा क्षेत्र में कॉम्प्रिहेन्सिव इंटिग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम (सीआईबीएमएस) लगाने की है. दरअसल दुर्गम होने की वजह से जिन इलाकों में बाड़ लगाना संभव नहीं है, वहां इसका इस्तेमाल किया जाएगा और इसके साथ ही सीमा पार घुसपैठ और तस्करी रोकने में भी मदद मिलेगी.

(इनपुट भाषा से)

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