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Panic And Insecurity In The Valley: कश्मीरी पंडितों को धमकी भरे पत्र और गैर स्थानीय लोगों पर लगातार हो रहे हमलों ने घाटी में दहशत और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया था. हालांकि पुलिस ने आतंकवाद विरोधी अभियान (Counter Terrorism Operation) तेज कर दिया है, लेकिन सॉफ्ट टारगेट किलिंग अभी भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. वीरवन बारामूला की पंडित कॉलोनी में कश्मीरी पंडितों को एक नया धमकी भरा पत्र मिला है. कॉलोनी के पंडित ने कहा कि हमें पत्र डाक से मिला है. कम चर्चित आतंकी संगठन लश्कर-ए-इस्लाम का एक पत्र बारामूला में सामने आया है. इसमें कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) और अन्य गैर-मुसलमानों को इस्लाम कबूल करने या आतंकवादी संगठन के जानलेवा हमलों का सामना करने की धमकी दी गई है.
कॉलोनी में रहने वाले पंडित ने बताया कि धमकी भरा पत्र भारतीय डाक से पहुंचा. कॉलोनी की रखवाली कर रहे सुरक्षाकर्मियों को ये पत्र मिला, जिसे उन्होंने कॉलोनी के अध्यक्ष को सौंप दिया. कॉलोनी निवासी ने कहा, 'हम पत्र के साथ डिप्टी कमिश्नर और एसएसपी बारामूला के पास गए और उन्हें इसके बारे में सूचित किया. उन्होंने हमें एसएचओ से मिलने के लिए कहा. इसके बाद जांच शुरू की गई.' पुलिस (Police) ने कहा कि वे शिविर की सुरक्षा बढ़ाएंगे लेकिन सभी के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा प्रदान करना संभव नहीं होगा. उन्होंने कहा कि लगभग 300-350 पंडित कॉलोनी में रह रहे हैं और उनमें से 150 ऐसे हैं जो रोजाना काम के लिए बाहर जाते हैं. पीएम पैकेज जॉब स्कीम में सरकारी नौकरी (Government Job) मिलने पर ये सभी घाटी लौट आए थे.
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हालांकि पुलिस कह रही है कि वे धमकी भरे पत्र की जांच कर रहे हैं, लेकिन कुछ कश्मीरी प्रवासियों ने आवाज उठाई और अपने और अन्य गैर-मुसलमानों (Non Muslims) के लिए पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था की मांग की. विजय रैना (सामाजिक कार्यकर्ता और भाजपा सरपंच दिवासर कुलगाम) ने कहा, 'हम एलजी मनोज सिन्हा (LG Manoj Sinha) से लश्कर-ए-इस्लाम द्वारा जारी इस नए धमकी पत्र को गंभीरता से लेने की अपील करते हैं.' पुलिस सूत्रों ने बताया कि 2015 में लश्कर-ए-इस्लाम (Lashkar-e-Islam) का सफाया कर दिया गया था और तब से उनकी गतिविधि कश्मीर में कहीं नहीं देखी गई थी. इस बात की जांच की जा रही है कि यह वास्तविक है या बदमाशों का कार्य है, ताकि कश्मीरी पंडित समुदाय के बीच डर पैदा हो. आपको बता दें कि बुधवार को कुलगाम दक्षिण कश्मीर में राजपूत समुदाय के एक और कश्मीरी गैर-मुस्लिम की हत्या कर दी गई थी. कुलगाम के काकरान गांव में आतंकियों ने एक राजपूत पेशे से ड्राइवर सतीश कुमार सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी. अधिकारियों ने कहा कि उसके सिर में गोली मारी गई थी. अस्पताल पहुंचने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया.
कश्मीर पुलिस ने ट्वीट (Tweet) किया, 'कुलगाम निवासी सतीश कुमार सिंह (Satish Kumar Singh) ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. इस भीषण आतंकी अपराध में शामिल आतंकवादियों को जल्द ही ढेर कर दिया जाएगा. इसमें शामिल आतंकवादियों की तलाश की जा रही है.' इस हत्या की राजनेताओं के साथ-साथ काकरान गांव के स्थानीय लोगों ने निंदा की. पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला (Former CM Omar Abdullah) ने ट्वीट किया, 'मैं सतीश कुमार सिंह पर हुए हमले की स्पष्ट रूप से निंदा करता हूं जिसमें उन्होंने अपनी जान गंवा दी. इस तरह के हमलों का कोई औचित्य नहीं हो सकता. उनकी आत्मा को शांति मिले और उनके परिवार को इस कठिन समय में शक्ति मिले.' स्थानीय लोग भी घटना की निंदा कर शोक संतप्त परिवार के साथ अपनी संवेदना व्यक्त कर रहे हैं. सभी हत्यारों के खिलाफ कड़ी सजा की मांग कर रहे हैं और कश्मीर घाटी (Kashmir Valley) में आम लोगों के इस खूनखराबे को खत्म करने की आवाज भी उठा रहे हैं.
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सतीश के पड़ोसी हिलाल अहमद (Hilal Ahmed) ने कहा, 'यह घटना कल इफ्तार के समय हुई थी. हम इस घटना की निंदा करते हैं. यह मानवता की हत्या है. उसकी तीन बेटियां थीं. अब हम अनुरोध करते हैं कि उनकी मदद की जानी चाहिए. हम एलजी प्रशासन से अनुरोध करते हैं कि इस तरह की घटना यहां नहीं होनी चाहिए. हमारा भाईचारा बरकरार रहे.' सतीश के बड़े भाई कवलजीत सिंह (Kawaljit Singh) का कहना है कि बुधवार शाम को दो लोग आए. सतीश की बेटी से कहा कि सतीश को बुलवाओ. जैसे ही वो बाहर आया उन्होंने उसे गोली मार दी. हम गांव वालों के साथ श्रीनगर अस्पताल पहुंचे, मगर वो नहीं रहा.' कोई बड़ा अधिकारी परिवार वालों से मिलने नहीं आया. वह कहते हैं कि हमें सुरक्षा दो या यहां से निकलो. बुधवार का हमला गैर स्थानीय और अल्पसंख्यकों पर लक्षित हमलों की श्रृंखला में मार्च के बाद से इस तरह का छठा हमला था. हालांकि सुरक्षाबलों ने अपने आतंकवाद विरोधी अभियानों को तेज कर दिया है. आतंकवादियों के साथ-साथ उनके समर्थकों पर भी बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
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