नए कांग्रेस अध्यक्ष पर फैसला CWC की बैठक में सामूहिक रूप से किया जाएगा: केसी वेणुगोपाल
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नए कांग्रेस अध्यक्ष पर फैसला CWC की बैठक में सामूहिक रूप से किया जाएगा: केसी वेणुगोपाल

वेणुगोपाल ने यह भी स्पष्ट किया कि अगली कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक तक राहुल गांधी अध्यक्ष बने रहेंगे.

राहुल गांधी ने बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया..

नई दिल्ली: राहुल गांधी ने बुधवार को घोषणा की कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है और उन्हें लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन के लिए दोषी ठहराया जाना चाहिए, क्योंकि पार्टी 542 में से केवल 52 सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई. पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि नए पार्टी अध्यक्ष का चुनाव सामूहिक रूप से किया जाएगा. वेणुगोपाल ने यह भी स्पष्ट किया कि अगली कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक तक राहुल गांधी अध्यक्ष बने रहेंगे.

कांग्रेस कार्यसमिति पार्टी से संबंधित निर्णय लेने की सबसे बड़ी इकाई है. यह समित ही राहुल गांधी के इस्तीफे को स्वीकार कर नए अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करेगी. वेणुगोपाल ने कहा, "हां मुझे पता है कि राहुल गांधी ने इस्तीफा दे दिया है. नई पार्टी अध्यक्ष का चुनाव सामूहिक रूप से होगा." यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक कब बुलाई जाएगी तो इस पर उन्होंने कोई भी जवाब देने से इनकार कर दिया. 

कांग्रेस के एक और महासचिव ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "तकनीकी रूप से राहुल गांधी तब तक कांग्रेस अध्यक्ष बने रहेंगे जब तक कांग्रेस कार्यसमित उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं कर लेती." उन्होंने कहा कि नए अध्यक्ष का चुनाव करने के लिए सीडब्लूसी को पहले राहुल गांधी का इस्तीफा स्वीकार करना होगा.

 

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव परिणाम आने के दो दिन बाद राहुल ने 25 मई को घोषणा की कि वह कांग्रेस प्रमुख पद से इस्तीफा दे देंगे. राहुल खुद उत्तर प्रदेश के अमेठी से चुनाव हार गए थे मगर केरल के वायनाड से उन्होंने जीत दर्ज की. अपने चार पन्नों के पत्र में राहुल ने कहा, "आरएसएस भाजपा के वैचारिक माता-पिता, देश के संस्थागत ढांचे पर कब्जा करने में सफल रहे. उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाने की मांग की."

राहुल ने कहा, "हमने चुनाव किसी राजनीतिक पार्टी के खिलाफ नहीं लड़ा बल्कि हमने भारतीय राज्य की पूरी मशीनरी से लड़ाई लड़ी, जिसका हर संस्थान विपक्ष के खिलाफ था. इससे अब साबित हो गया है कि हमारी संस्थागत तटस्थता अब भारत में मौजूद नहीं है."

(इनपुट IANS से)

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