'मेरे बेटे की हत्या करवा सकता है राम रहीम, फिर भी बाबा के खिलाफ बोलने से नहीं डरूंगा'
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'मेरे बेटे की हत्या करवा सकता है राम रहीम, फिर भी बाबा के खिलाफ बोलने से नहीं डरूंगा'

खट्टा सिंह वह शख्स है जो एक समय शायद राम रहीम के सबसे करीब रहते थे, क्योंकि वह नौ साल तक उनके ड्राइवर रह चुके हैं.

रामचंद्र छत्रपति मर्डर केस में राम रहीम के खिलाफ गवाही देगा खट्टा सिंह (तस्वीर साभार: ANI)

नई दिल्ली: त्रकार रामचंद्र छत्रपति और डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के खिलाफ पंचकूला की सीबीआई कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इस मामले में मुख्य गवाह गुरमीत राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह को बनाया गया है. खट्टा सिंह ने शनिवार को कहा कि 2012 में वह राम रहीम के खिलाफ अपने बयान से इसलिए पलट गया था क्योंकि वह डर गया था. अब वह बेखौफ है. उसने कहा, 'मुझे डर है कि राम रहीम मेरे बेटे की हत्या करवा सकता है, लेकिन इस बार मैं नहीं डरूंगा. मैं राम रहीम के सारे अपराध को कोर्ट के सामने पूरी तरह बयां करूंगा.' खट्टा सिंह ने कहा कि राम रहीम जेल में बंद होने के बाद भी काफी शक्तिशाली है.

  1. रामचंद्र छत्रपति मर्डर केस में राम रहीम के खिलाफ गवाही देगा खट्टा सिंह
    खट्टा सिंह ने कहा, उसके बेटे की जान को है खतरा
    कहा-इस बार नहीं डरेगा, बेखौफ होकर राम रहीम के सारे राज खोलेगा

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कौन है खट्टा सिंह?
खट्टा सिंह वह शख्स है जो एक समय शायद राम रहीम के सबसे करीब रहते थे, क्योंकि वह नौ साल तक उनके ड्राइवर रह चुके हैं. ड्राइवर होने के चलते राम रहीम कहीं भी जाता तो खट्टा सिंह उनके साथ होते. यानी खट्टा सिंह बड़ा राजदार है. पत्रकार रामचंद्र की हत्या मामले में खट्टा सिंह साल 2012 में गवाही से पलट गया था.

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अब खट्टा सिंह ने कहा है कि वह राम रहीम के सारे राज कोर्ट को बताएंगे. खट्टा सिंह ने स्वीकार किया कि उस वक्त राम रहीम के डर से वह बयान से पलट गए थे, अब राम रहीम सलाखों के पीछे हैं, इसलिए वह हर सच से कोर्ट को अवगत कराएंगे.

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मालूम हो कि साल 2012 में राम रहीम के आश्रम की एक साध्वी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी को चिट्ठी लिखकर खुद के साथ रेप की शिकायत की थी. उस चिट्ठी में आश्रम के कई राज के बारे में लिखा था. रामचंद्र 'पूरा सच' नाम का अखबार चलाते थे. उन्होंने अपने अखबार में उस चिट्ठी को प्रकाशित किया था. आरोप है कि इसी बात से नाराज होकर 24 अक्टूबर 2002 को रामचंद्र की उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई. इसी हत्या मामले में पिछले 15 साल से सुनवाई चल रही है. राम राहीम का पूर्व ड्राइवर इस मामले में गवाह बनाया गया है. इन दोनों हत्याकांड में खट्टा सिंह की गवाही काफी मायने रखती है.

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