किसानों के द्वारा जब भी दिल्ली की तरफ कुछ करने का आह्वान किया जाता है. एहतियातन पुलिस को अलर्ट कर दिया जाता है क्योंकि, पुलिस अभी तक 26 जनवरी की हिंसा नहीं भूली है.
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नई दिल्ली: राजधानी के बॉर्डर पर किसान धरने पर बैठे हैं और इनके समर्थन में हजारों की संख्या में किसान पानीपत से दिल्ली की तरफ बढ़ गए हैं. किसान नेता गुरनाम सिंह ने किसानों से 10 जून को दिल्ली चलो का आह्वान किया था, जिसके बाद दिल्ली पुलिस को इंटेलिजेंस इनपुट मिला कि किसान दिल्ली में भी घुसने की कोशिश कर सकते हैं.
लिहाजा पुलिस ने अपनी फोर्स को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अलर्ट रहने को बोला है. दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, किसानों ने एक कॉल किया था कि वो 10 जून को दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर पहुंचेंगे और महीनों से चले आ रहे किसान आंदोलन का हिस्सा बनेंगे.
किसानों के द्वारा जब भी दिल्ली की तरफ कुछ करने का आह्वान किया जाता है एहतियातन पुलिस को अलर्ट कर दिया जाता है क्योंकि, पुलिस अभी तक 26 जनवरी की हिंसा नहीं भूली है.
जिस तरह 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड की अनुमति मिलने के बाद किसानों ने अपना वादा तोड़ा, दिल्ली के भीतर घुस आए और जमकर हिंसा की. इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने कई एफआईआर दर्ज कर काफी लोगों को गिरफ्तार किया था.
ज़ी न्यूज़ से बात करते हुए पुलिस के बड़े अधिकारी ने बताया कि किसान अपने आंदोलन को जिंदा रखने और पहले से धरने पर बैठे किसानों को कुछ समय के लिए वापस अपने घर भेजने के मकसद से भी इस तरह कूच करते हैं. ताकि समय समय पर किसान प्रदर्शन स्थल पर बैठे रहे, अगर कुछ किसान अपने घर जाते हैं, तो उनकी गैर मौजूदगी में नए किसान बॉर्डर पर धरने पर बैठ जाते हैं. इस तरह दिल्ली बॉर्डर पर किसानों की संख्या में कभी कमी नहीं हो पाती.
हालांकि किसान संगठनों ने दिल्ली के अंदर घुसने के ऐलान को गलत खबर बताया.