आयोग ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि इन चुनावों में वीवीपीएट मशीनों को इस्तेमाल किया जाएगा, साथ ही हर बूथ की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी.
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नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने शनिवार को मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है. मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में 15 दिसंबर से पहले चुनावी प्रक्रिया पूरी की जानी है. यानि की चुनाव आयोग के पास 5 राज्यों में चुनाव कराने के लिए 2 महीने का वक्त है. पिछले काफी समय से मतदान में धांधली के आरोपों का सामना कर रहे आयोग के लिए यह चुनाव किसी चुनौती से कम नहीं हैं.
आयोग ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि इन चुनावों में वीवीपीएट मशीनों को इस्तेमाल किया जाएगा, साथ ही हर बूथ की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी. चुनाव आयोग वर्तमान में जिन मशीनों का इस्तेमाल करता आया है, उसके मुकाबले वीवीपीएट मशीन काफी भरोसेमंद मानी जाती है.
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क्या है वीवीपीएटी
वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) एक तरह की मशीन होती है. इसे ईवीएम के साथ जोड़ा जाता है. इसका लाभ यह होता है कि जब कोई भी व्यक्ति ईवीएम का इस्तेमाल करते अपना वोट देता है. वीवीपीएटी मशीन के तहत वोटर विजुअली सात सेकंड तक यह देख सकेगा कि उसने जो वोट किया है क्या वह मत उसके इच्छानुसार उसके प्रत्याशी को मिला है या नहीं.
इन राज्यों में हो चुकी है इस्तेमाल
इस मशीन के जरिए मतदाता को प्रत्याशी का चुनाव चिन्ह और नाम उसकी ओर से चुनी गई भाषा में दिखाई देता. वीवीपीएटी का प्रयोग चुनाव आयोग पश्चिम बंगाल, झारखंड के साथ कुछ अन्य राज्यों में कर चुका है. इससे मतदाता की जानकारी को प्रिंट करके मशीन में स्टोर कर लिया जाता है और विवाद की स्थिति में जानकारी को उपलब्ध कराकर समस्या को निपटा लिया जाता है.
2013 में डिजाइन की गई थी मशीन
चुनावों में धांधली को रोकने के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड ने इस मशीन को 2013 में डिजाइन किया था. बीईएल ने साल 2016 में 33,500 वीवीरपैट मशीन बनाईं. इसका इस्तेमाल गोवा के चुनाव में 2017 में किया गया.
2019 में 100 फीसदी वीवीपीएट का इस्तेमाल
उल्लेखनीय है कि इससे पहले चुनाव आयोग ने दावा किया था कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों में 100 फीसदी वीवीपीएटी मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा. आयोग ने कहा था कि चुनावों को देखते हुए 16.15 लाख नई मशीनों की खरीद की प्रक्रिया पूरी की जा रही है. साथ ही आयोग ने कहा कि वह मशीनों के उत्पादन और आपूर्ति की भी समीक्षा कर रहा है.