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लखनऊ: योगी सरकार 2.0 का गठन हो चुका है. कल लखनऊ में 52 मंत्रियों ने शपथ ली. सीएम योगी के नए मंत्रिमंडल में कई नए चेहरों को जगह दी गई है. इसके साथ ही मंत्रिमंडल में सभी जातियों को साधने की भी कोशिश की गई है. नए मंत्रियों में केवल एक मुस्लिम चेहरे को शामिल किया है. ये नाम है दानिश आजाद अंसारी (Danish Azad Ansari) का. आइए बताते हैं दानिश अंसारी कौन हैं और बीजेपी ने उन्हें मंत्री क्यों बनाया है.
2022 में विधान सभा चुनाव से पहले दानिश आजाद को बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा का महामंत्री बनाया गया था. दानिश आजाद बलिया के रहने वाले हैं और उनकी पढ़ाई लखनऊ से हुई है. 32 साल के दानिश ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से साल 2006 में बी. कॉम पूरा किया था. फिर मास्टर ऑफ क्वालिटी मैनेजमेंट और मास्टर ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई की. दानिश साल 2011 में एबीवीपी से जुड़े थे. दानिश खासतौर पर मुस्लिम युवाओं के बीच बीजेपी की विचारधारा और नीतियों को निर्भीकता से ले जाते हैं और माहौल बनाते हैं.
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इसके अलावा 2017 में जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो एक साल बाद ही दानिश आजाद अंसारी को भाजपा ने बड़ा इनाम दिया. उनको 2018 में फखरुद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी का सदस्य बनाया गया. इसके बाद में उन्हें उर्दू भाषा समिति का सदस्य बना दिया गया. ये एक तरह से दर्जा प्राप्त मंत्री का पद होता है. यूपी चुनाव 2022 से ठीक पहले अक्टूबर 2021 में दानिश को भाजपा ने बड़ी जिम्मेदारी दी. उनको भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री पद की जिम्मेदारी मिल गई.
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बता दें कि योगी सरकार के पहले कार्यकाल में मोहसिन रजा एकमात्र मुस्लिम चेहरे थे, जिन्हें मंत्री बनाया गया था. लेकिन इस बार मोहसिन रजा योगी मंत्रिमंडल में नहीं हैं. पिछली सरकार में मोहसिन रजा अल्पसंख्यक कल्याण मुस्लिम वक्फ और राज्य के हज राज्य मंत्री थे. बताया जा रहा है कि दानिश आजाद को अल्पसंख्यक विभाग दिया जा सकता है.
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