Lucknow news: नवाब, नफ़ासत, नजाकत और तहजीब का जिक्र हो तो समझ जाइए कि महफिल लखनऊ की ही है. 'पहले-आप', 'पहले-आप' का जिक्र हो तो भी आप लखनऊ में ही हैं. 'नवाबों के शहर' के रूप में मशहूर लखनऊ की फिजा निराली है. 'लखनवी तहजीब' को ना जाने किसकी नजर लगी कि नर्म मिजाज से बात करने वालों की नगरी कुछ अदद 'लफंगों' की करतूतों से शर्मसार हो गई.
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Lucknow women misbehaving video: लखनऊ के गोमती नगर में महिलाओं और लोगों से बदसलूकी के मामले में पुलिस ने अपनी कार्रवाई का दायरा बढ़ाते हुए अब तक 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. सीएम योगी ने लापरवाह पुलिस अफसरों पर भी गाज गिराई है. उत्तर प्रदेश की राजधानी बनने से पहले लखनऊ जैसा जीवंत शहर इतिहास में 'अवध' की राजधानी हुआ करता था. लखनऊ को एक बार भी पूरी तबीयत से घूम चुके लोग, इसकी मेहमाननवाजी भूल नहीं सकते. यहां की हिंदी, हिंदुस्तानी भाषा की सबसे मधुर शैली है फिर भी यहां की 'लखनवी तहजीब' (Lakhnawi Tehzeeb) को न जाने किसकी नजर लग गई कि राजधानी से आईं कुछ तस्वीरें लोगों को चुल्लूभर पानी में डुबो गईं. यूं तो जब दो लखनवी कहीं भी टकराते हैं तो उनकी ज़बान और अंदाज़े-बयां से पूरा लखनऊ शहर फौरन वहीं हाज़िर हो जाता है. बातें चल निकलती हैं तो गुफ़्तगू के दौरान तहजीब के रस में पगा 'संवाद' जिस दिशा में बढ़ता है, उधर ही लोगों का दिल छू लेता है. उसी तहजीब के शहर में कुछ घंटे पहले जो हुआ वो न सिर्फ पूरे शहर बल्कि कभी यहां राज करने वाले अवध के नवाबों की रूहों को भी दुखी कर गया होगा.
शहर चाहे कोई भी हो तफरीह (मन बह लाने के लिए घूमने) करने की भी तहजीब और कायदे होते हैं. लेकिन जिस तरह कुछ 'छिछोरों' ने अपने मसखरेपन, लफंगई और हुड़दंगी करतूतों से तमाम मर्यादाएं लांघते हुए पानी से भरी सड़क से गुजर रहे राहगीरों, महिलाओं और बुजुर्गों पर पानी उछाला समझो उसी पानी में उसी समय लखनऊ का नाम डूब गया.
इन लंफंगों की हरकतों का शिकार लोग खुद लजा गए, लेकिन मना करने के बावजूद इन्हें जरा भी लाज नहीं आई. वो भूल गए कि उनकी करतूत से किसी की जान जा सकती है, किसी का मन दुखी हो सकता है. इन बातों की परवाह किए बगैर लंफेगे शरारतों में डूबे रहे और शहर को शर्मसार करते रहे. भले ही शहर में जलजमाव के लिए सिस्टम दोषी हो लेकिन थोड़ी देर की बारिश ने इस शहर की फिजा को बदरंग करने वाले हुड़दंगियों के स्याह चेहरे सबके सामने ला दिए.
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कुछ लफंगों ने राहगीरों से अभद्रता करनी शुरू कर दी. दोपहिया वाहनों पर बैठी महिलाओं से दुर्व्यवहार किया. इन शोहदों ने लोगों को घसीटा और सड़क पर भरे पानी में गिरा दिया. कारों को रोककर जबरन उनके दरवाजे खुलवाए और अंदर पानी फेंका वाइपर तोड़ डाले. विरोध करने वालों से मारपीट की. ये पूरा नजारा था आंबेडकर स्मारक के पास का जहां कुछ लोग ऐसे भी थे जो पानी से परेशान लोगों की मदद कर रहे थे. लेकिन 2 दर्जन के करीब इन लड़कों ने हुड़दंग किया तो वीडियो वायरल होने पर एफआईआर हुई. हालांकि उस FIR में छेड़खानी का जिक्र तक नहीं था, जबकि ये खुलेआम गुंडागर्दी कर रहे लोग गाड़ियां खोलकर पानी डाल रहे थे. एक बाइक पर पीछे की सीट पर लड़की बैठी थी वो जिस तरह गिरती है वो किसी का भी खून खौलाने के लिए काफी है. आप भी देखिए वीडियो-
This is Lucknow, Uttar Pradesh.
A woman is groped in broad daylight as she passes by on the pillion seat of a motorbike.
Miscreants are so unafraid that they don't even have even a second thought before touching a woman.
RT this by tagging @Uppolice till these haramis are… pic.twitter.com/pXDOOZRMwa
— Roshan Rai (@RoshanKrRaii) July 31, 2024
छपरियों का शहर बन रहा लखनऊ?
बात मुख्यमंत्री तक पहुंची तो पुलिस ने महिलाओं और आम लोगों से बदतमीजी करने वाले छपरियों को थोड़ी देर में ढूंढ निकाला. जिस थाना क्षेत्र का मामला था वहां के सभी जिम्मेदार अफसरों को नाप दिया गया. लखनऊ हुड़दंग मामले में सीएम योगी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इलाके के DCP, ADCP, ACP को हटा दिया. वहीं संबंधित SHO, चौकी इंचार्ज और चौकी पर मौजूद सभी पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया. इन उत्पातियों पर हो रही पुलिस कार्रवाई के बाद भले ही ये सुधरें या न सुधरें लेकिन इन्होंने पूरे शहर की आबरू को चुल्लूभर पानी में डूबाकर मार दिया.
लफंगों की एक और बानगी देखिए-
आंबेडकर स्मारक के पास जिस शर्मनाक घटना का वीडियो वायरल है। पुलिस के अनुसार सैकड़ों की भीड़ वहाँ लोगों की मदद कर रही थी।
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केवल 15-20 लड़कों ने हुड़दंग किया।
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एफआईआर में छेड़खानी का जिक्र तक नहीं, जबकि ये गुंडे गाड़ियां खोलकर पानी डाल रहे थे। #Lucknow
FIR copy Via @gyanu999 pic.twitter.com/e4bZhArRJW— Naval Kant Sinha | नवल कान्त सिन्हा (@navalkant) August 1, 2024
ऐसे न जाने कितने वीडियो वायरल हुए. पुलिसिया एक्शन भी हुआ. सड़कछाप हरकतें करने वाले कुछ रोडरोमियों और शोहदों को दबोच लिया गया इसके बावजूद ये सवाल अपनी जगह कायम है. कि जो लड़की बाइक पर अपने परिजन के साथ जा रही थी उसे जिस शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा क्या वो कभी इस शर्मानक वाकये को भुला पाएगी. इन लफंगों की हरकतों को अपने जेहन से निकालना उस बहन के लिए बड़ा मुश्किल होगा.
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ऐसे में पुलिस को ऐसी सख्त कार्रवाई करते हुए इन लफंगों के मां-बाप को भी बुलाकर समझाना चाहिए कि अगर उन्होंने अपने बच्चों को सही सीख दी होती तो शायद लखनऊ के दामन में ये दाग नहीं लगा होता. ये जो चंद लोगों की वजह से शहर का नाम और मान दोनों खराब हुआ उसके कुछ हद तक जिम्मेदार आवारागिरी करने वाले लफंगों के परिजन भी हैं जो अपने बच्चों को ये न सिखा पाए कि दूसरे की बहन-बेटियों की भी अपनी बहन की तरह इज्जत करनी चाहिए. और आपकी ताकत (रुतबा-अधिकार) सब कुछ वहीं खत्म हो जाता है, जहां से दूसरे की नाक शुरू होती है.
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