यूटी के प्रशासक और अपने नेता पटेल का बचाव करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एपी अब्दुल्लाकुट्टी ने आरोप लगाया है कि विपक्षी सांसद पटेल के खिलाफ इसलिए प्रदर्शन कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने द्वीपसमूह में नेताओं के भ्रष्ट चलन को खत्म करने के लिए कुछ खास कदम उठाए हैं.
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नई दिल्ली: लक्षद्वीप (Lakshadweep) के प्रशासक प्रफुल्ल कोडा पटेल (Praful Khoda Patel) के नए फैसलों पर इस केंद्रशासित प्रदेश में लोगों की नाराजगी उफान पर है. यहां पुलिस और प्रशासन को अधिक अधिकार देने वाले कानूनों, मिड-डे मील में नॉनवेज बंद करने और सरकारी कर्मचारियों को हटाए जाने को लेकर स्थानीय नेताओं ने राष्ट्रपति से प्रशासक की शिकायत की है. वहीं सोशल मीडिया पर शुरू हुआ लक्षद्वीप बचाओ अभियान (#savelakshadweep) ट्रेंड कर रहा है.
ट्विटर पर मामला जोर पकड़ने के साथ केंद्र शासित प्रदेश और पड़ोसी राज्य केरल (Kerala) के विपक्षी दलों मुस्लिम लीग, सीपीएम, कांग्रेस और एनसीपी ने उन्हें वापस बुलाए जाने की मांग की है. हिंदुस्तान में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक पटेल ने मुस्लिम बहुल इलाकों में शराब के सेवन पर लगी रोक हटा दी है. वहीं पशु संरक्षण का हवाला देते हुए बीफ उत्पाद बैन करने का आदेश दिया है.
यहां अधिकांश आबादी मछली पालन पर निर्भर है लेकिन विपक्षी नेताओं का आरोप है कि पटेल ने तट रक्षक अधिनियम के उल्लंघन के आधार पर तटीय इलाकों में मछुआरों के झोपड़ों को तोड़ने का आदेश दिया है.
Praful Khoda Patel is implementing all the anti-people rules and regulations. The Prime Minister and the Home Minister should listen to the outcry of local people and send in a new administrator. This is the demand of local people of Lakshadweep: Lakshadweep MP Mohammed Faizal pic.twitter.com/w8AjGaEIto
— ANI (@ANI) May 26, 2021
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लक्षद्वीप से NCP के सांसद मोहम्मद फैजल (Md Faizal), पड़ोसी राज्य केरल के टी एन प्रतापन (INC), एलामारन करीम (CPM) और मोहम्मद बशीर (Muslim League) ने केंद्र से अपील की है कि लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल खोडा पटेल को वापस बुलाएं.
यूटी के प्रशासक और अपने नेता पटेल का बचाव करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एपी अब्दुल्लाकुट्टी ने आरोप लगाया है कि विपक्षी सांसद पटेल के खिलाफ इसलिए प्रदर्शन कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने द्वीपसमूह में नेताओं के भ्रष्ट चलन को खत्म करने के लिए कुछ खास कदम उठाए हैं. वहीं केरल के विधायक हिबी ईदेन ने दाला किया कि पटेल ने कॉन्ट्रैक्ट पर टूरिज्म सेक्टर में काम करने वाले कई सरकारी कर्मचारियों को भी बिना वजह नौकरी से हटा दिया है.
गौरतलब है कि गुजरात से आने वाले बीजेपी नेता प्रफुल्ल पटेल को दिसंबर 2020 में यहां का प्रशासक नियुक्त किया गया था. जब पीएम मोदी गुजरात के सीएम थे तब पटेल उनके कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं.
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