WHO के मुताबिक कोरोना के इस वेरिएंट B.1.617 की वजह से तेजी से संक्रमण बढ़ा है. वहीं लोगों के लिए ये कितना घातक है. इस तरह के कई तथ्यों की जांच जारी है. गौरतलब है कि इस वेरिएंट के खिलाफ ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की सिंगल डोज कम प्रभावी साबित हुई थी.
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) का वो वेरिएंट जिसकी सबसे पहले पड़ताल यानी पहचान भारत में हुई थी वो करीब 53 क्षेत्रों में पाया गया है. बुधवार को सामने आई विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के हवाले से ये खबर सामने आई है. WHO ने इस वायरस की पहुंच के व्यापक दायरे की पुष्टि की है. इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि संगठन को मिली सूचना के मुताबिक दुनिया के 7 और क्षेत्रों में कोरोना का यही भारत में खोजा गया वेरिएंट पाया गया है.
महामारी घोषित हो चुके वायरस के बारे में कहा जाता है कि कोरोना एक-रूप अनेक. लाखों जान ले चुके इस कोरोना ने जितने रूप बदले हैं उतने तो दुनिया में किसी ने नहीं बदले होंगे. इसी रिपोर्ट के मुताबिक भारत में खोजा गया B.1.617 वेरिएंट (Corona Variant) अब संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) की हेल्थ एजेंसी के वीकली एपिडमिओलॉजिकल बुलेटिन (Weekly Epidemiological Update) से मिले इनपुट के मुताबिक 7 और क्षेत्रों तक पहुंच चुका है यानी अब इसकी पहुंच 60 क्षेत्रों तक हो चुकी है.
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WHO के मुताबिक कोरोना के इस वेरिएंट B.1.617 की वजह से तेजी से संक्रमण बढ़ा है. वहीं लोगों के लिए ये कितना घातक है. इस तरह के कई तथ्यों की जांच जारी है. गौरतलब है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) के इस वेरिएंट के खिलाफ ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (Oxford/AstraZeneca Vaccine) की सिंगल डोज कम प्रभावी साबित हो रही है.
यूके (UK) सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक कथित रूप से भारत में पाए गए कोरोना के नए वेरिएंट से मजबूत सुरक्षा देने के लिए कोविड-19 (Covid-19) एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की 2 डोज लेना बेहद जरूरी है. शोध में इस वैक्सीन की सिंगल डोज इस वेरिएंट पर कम असरदार देखी गई.
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