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पटना: बिहार की सियासत के लिहाज से आज का दिन काफी अहम है. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का 25वां स्थापना दिवस, लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संस्थापक दिवंगत रामविलास पासवान की जयंती, चिराग पासवान की आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत और सबसे अहम जेल से आने के बाद लालू प्रसाद यादव का पहला कार्यकर्ताओं को संबोधन, इतने सभी घटनाक्रम आने वाले दिनों में बिहार में सियासी हलचल और तेज होने की गवाही दे रहे हैं.
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के 25वें स्थापना दिवस, पर आयोजित समारोह की पार्टी के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने औपचारिक शुरुआत की. इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और मीसा भारती भी उनके साथ उपस्थित रहीं. लंबे अरसे बाद पार्टी प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. इस दौरान लालू दिल्ली से र्काकर्ताओं और नेताओं से वर्चुअली रूबरू हुए. उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, 'मुझे अफसोस है कि इस मौके पर आप लोगों के बीच मैं नहीं हूं.'
लालू प्रसाद यादव ने लंबे वक्त बाद केंद्र और बिहार सरकार पर जमकर निशाना साधा. लंबे अंतराल के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए और उनमें जोश भरते हुए कहा कि राजद का भविष्य उज्जवल है. राजद प्रमुख ने कहा कि आज सामाजिक तानेबाने को तोड़ने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि आज नारा लगाया जा रहा है कि अयोध्या के बाद मथुरा, आखिर इसका क्या मतलब है? उन्होंने सवालिया लहजे में आखिर देश में क्या चाहते हैं?
लालू ने कहा कि आज संसद में बहस तक नहीं होने दी जाती है. लालू प्रसाद ने अपने संघर्ष के दिनों की याद करते हुए मंडल आंदोलन का भी जिक्र किया. उन्होंने जननायक कर्पूरी ठाकुर को याद करते हुए कहा कि आज वे हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके अरमानों को पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं. लालू ने कहा कि हमने पांच-पांच प्रधानमंत्री को देखा, उनको बनाने में सहयोग किया. उन्होंने नीतीश कुमार का जिक्र करते हुए कहा कि वे जब मंत्री नहीं बने तो वे व्याकुल हो गए. इसके बाद कहकर उन्हें कृषि मंत्री बनवाया.
रामविलास पासवान की बनाई पार्टी एलजेपी भले ही संकट में है लेकिन बिहार की राजनीति में आज भी वे राजनीतिक दलों की 'जरूरत' बने हुए हैं. इसका ताजा उदाहरण यह है लालू से लेकर प्रधानमंत्री का उनको याद करना. लालू ने लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संस्थापक दिवंगत नेता रामविलास पासवान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. पासवान को अपना दोस्त बताते हुए लालू ने कहा, 'आज वे हमारे बीच नहीं हैं. उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.'
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने पासवान को याद करते हुए कहा कि वह अपने मित्र की उपस्थिति को याद कर रहे हैं. साथ ही, उन्होंने हाशिये पर पड़े लोगों की सेवा में राम विलास पासवान के योगदान को याद किया. एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने लिखा, 'आज मेरे मित्र रामविलास पासवान जी की जयंती है. मुझे उनकी उपस्थिति की बहुत याद आती है. वह भारत के सबसे अनुभवी सांसदों और प्रशासकों में से एक थे. सार्वजनिक सेवा और दलितों को सशक्त बनाने में उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा.'
राम विलास पासवान की विरासत के लिए लड़ाई लड़ी जा रही है, जोकि चिराग और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच चल रही है. पशुपति पारस को पार्टी के छह सांसदों में से पांच ने लोक सभा में एलजेपी के नेता के रूप में चुना है. दोनों गुट अब पार्टी को नियंत्रित करने और अपने समूह को पासवान द्वारा स्थापित असली एलजेपी के रूप में पेश करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं. चिराग के नेतृत्व वाली विंग ने जहां पांच सांसदों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है, वहीं प्रतिद्वंद्वी समूह ने उन्हें अपने अध्यक्ष पद से हटा दिया है. इस बीच चिराग ने पासवान की जयंती के अवसर पर बिहार की जनता का आशीर्वाद लेने के लिए 'आशीर्वाद यात्रा' निकाली है. चिराग बिहार सरकार द्वारा यात्रा को रोके जाने का आरोप लगा रहे हैं.
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आशीर्वाद यात्रा के दिन पीएम मोदी का पासवान के लिए स्नेह ऐसे समय में देखा जा रहा है, जब चिराग ने पहले भाजपा के साथ उनके पक्ष में नहीं खड़े होने पर निराशा व्यक्त की थी. एलजेपी नेता चिराग ने कहा था कि वह भाजपा की चुप्पी पर 'आहत' हैं लेकिन आज प्रधानमंत्री का ट्वीट चिराग का हौसला बढ़ा सकता है. इसके साथ ही जेडीयू की तरफ से भी चिराग को तसल्ली देने वाले बयान आ रहे हैं. लालू के बाद उनके बेटे तेजस्वी ने भी पासवान को याद किया. तेजस्वी ने कहा, आज एलजेपी के पूर्व नेता रामविलास पासवान की जयंती हैं, हम उन्हें नमन करते हैं. वे मेरे पिता के मित्र रहे हैं. उनके परिवार के प्रति हमारी संवेदना है.
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