कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भूमि विधेयक मुददे पर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को जवाब दिया है। सोनिया ने हजारे के इस नजरिये पर सहमति जताई कि नया प्रस्तावित भूमि कानून किसानों के हित में नहीं है।
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नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को पत्र लिखकर राजग सरकार के नए भूमि विधेयक पर उनकी चिंताओं पर सहमति जताई और हर मोर्चे पर इसका विरोध करने का संकल्प जताया। सोनिया ने अन्ना हजारे के इस नजरिये पर सहमति जताई कि नया प्रस्तावित भूमि कानून किसानों के हित में नहीं है। सोनिया ने अन्ना हजारे को उनके पिछले पत्र के जवाब में यह पत्र मंगलवार को लिखा जिसमें उन्होंने भूमि विधेयक को लेकर 14 विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के मंगलवार को राष्ट्रपति भवन तक किये गये विरोध मार्च का भी उल्लेख किया।
कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने पत्र में लिखा, आपका 14 मार्च का पत्र मिला जिसमें आपने भूमि अधिग्रहण विधेयक 2015 के बारे में चर्चा की और अपनी आशंकायें बताई। मैं आपकी राय से सहमत हूं कि राजग सरकार द्वारा जारी किया गया अध्यादेश और संसद में पेश किया गया संशोधन विधेयक किसानों के हित में नहीं है। सोनिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हर मोर्चे पर इसका विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि मैं आपको आश्वस्त करना चाहती हूं कि इस मुद्दे पर हमारा संघर्ष जारी रहेगा। पिछले महीने अन्ना हजारे ने भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ राजधानी में जंतर मंतर पर धरना दिया था। इसके एक दिन के बाद कांग्रेस ने भी उसी जगह पर विरोध प्रदर्शन किया।
गौर हो कि मोदी सरकार के खिलाफ पहली बार विपक्ष की एकजुटता प्रदर्शित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में 14 राजनीतिक दलों के नेताओं ने मंगलवार को भूमि अधिग्रहण विधेयक के संशोधनों के खिलाफ संसद से राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकाला और ‘करो या मरो’ की लड़ाई जारी रखने का ऐलान किया। पूर्व प्रधानमंत्रियों मनमोहन सिंह और एचडी देवगौड़ा समेत 26 नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की और उनसे अनुरोध किया कि मोदी सरकार पर राज्यसभा में संशोधनों पर आगे नहीं बढ़ने का दबाव बनाकर किसानों के हितों का संरक्षण करें। उन्होंने कहा कि इन प्रावधानों का उद्देश्य सामाजिक सौहार्द बिगाड़ना है।
गौर हो कि अन्ना हजारे ने बीते दिनों विपक्ष से अपील की थी कि वह राज्यसभा में भूमि विधेयक पारित कराने के सरकार के प्रयासों का विरोध करें। हजारे के सहायक विनायक पाटिल ने कहा था कि अन्ना ने सभी विपक्षी दलों को एक पत्र लिखकर कहा है कि राज्यसभा में जब इस किसान विरोधी विधेयक को पेश किया जाए तो वे इसका विरोध करें। पाटिल विपक्षी नेताओं से मिलने के लिए राजधानी आये हुए थे और उन्होंने सभी प्रमुख विपक्षी दलों को एक ज्ञापन भी सौंपा। वहीं, अन्ना हजारे ने विवादित भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ इस महीने के आखिर में शुरू हो रही अपनी ‘पदयात्रा’ के कार्यक्रम में तब्दीली की घोषणा की। अन्ना ने कहा कि किसानों के प्रतिनिधियों से मिलने के बाद उन्होंने पदयात्रा स्थगित कर दी। किसानों ने उन्हें बताया था कि पदयात्रा उनकी खेती के काम के समय ही हो रही है।