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लाहौल-स्पीति: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) फिर से भूस्खलन (Landslide) के कहर से दहल गया है. यहां के लाहौल-स्पीति (Lahaul-Spiti) जिले के नालदा गांव के पास भयावह भूस्खलन हुआ, जिसने चेनाब नदी का रास्ता ही रोक दिया. पहाड़ पर हुए भूस्खलन के कारण गिरे मलबे (Debris) से चेनाब नदी (Chenab River) का बहाव रुक गया है. मलबे के कारण नदी का बमुश्किल 10 से 15 फीसदी पानी ही बह पा रहा है. चेनाब हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी नदी है और इस आपदा के कारण नदी के किनारे बसे गांव को लेकर चिंता गहरा गई है. भूस्खलन के बाद यहां तेजी से राहत और बचाव कार्य चलाया जा रहा है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक आपदा प्रबंधन के डायरेक्टर सुदेश कुमार मोकता ने कहा है, 'भारी भूस्खलन के कारण चेनाब नदी का बहाव रुक गया है और अभी केवल 10 से 15 फीसदी पानी ही बह पा रहा है. गांवों के लोगों को बाहर निकाल लिया गया है और हवाई सर्वे के लिए हेलीकॉप्टर तैनात किया गया है.' उन्होंने यह भी बताया कि एनडीआरएफ की टीम भी भेजी जा रही है.
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खबरों के मुताबिक बाढ़ के खतरे को देखते हुए आसपास के 13 गांवों से करीब 2,000 लोगों को निकाल लिया गया है. आपदा के कारण अब तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है. वहीं जिले के एसपी मानव वर्मा ने कहा है, 'हमने आसपास के सभी पंचायत प्रधानों से आग्रह किया है कि वे गांव के निचले इलाकों में बसे लोगों को वहां से निकाल लें.'
बता दें कि नदी का बहाव रुकने के कारण इस इलाके में झील बनने का खतरा पैदा हो गया है. ऐसे में किसी भी संकट से बचने के लिए लोगों को तेजी से निकाला जा रहा है.