भारतीय चुनावों में पीआईओ के चुनाव प्रचार के प्रश्न पर विधि मंत्रालय ने साधी चुप्पी
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भारतीय चुनावों में पीआईओ के चुनाव प्रचार के प्रश्न पर विधि मंत्रालय ने साधी चुप्पी

नई दिल्लीः चुनाव आयोग ने पंजाब विधानसभा चुनावों के बाद प्रश्न किया था कि अगर भारतीय मूल के लोग (पीआईओ) देश के चुनाव में प्रचार करते हैं तो क्या वे वीजा नियमों का अथवा किसी अन्य कानून का उल्लंघन तो नहीं कर रहे है, जिसका कानून मंत्रालय ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है.

प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्लीः चुनाव आयोग ने पंजाब विधानसभा चुनावों के बाद प्रश्न किया था कि अगर भारतीय मूल के लोग (पीआईओ) देश के चुनाव में प्रचार करते हैं तो क्या वे वीजा नियमों का अथवा किसी अन्य कानून का उल्लंघन तो नहीं कर रहे है, जिसका कानून मंत्रालय ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है.

  1. पीआईओ के चुनाव प्रचार पर मांगी थी जानकारी
  2. विधि मंत्रालय ने प्रश्न के जवाब में साधी चुप्पी
  3. विधि मंत्रालय ने मशक्कत के बाद दिया जवाब

राज्य के मुख्य चुनाव आयोग ने दी जानकारी
पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान अनेक पीआईओ आम आदमी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करने के लिए राज्य में आए थे. राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी ने इस पर आयोग के समक्ष प्रश्न उठाया था कि क्या इस श्रेणी के लोग ये कर सकते हैं. चुनाव से जुड़े कानून यह स्पष्ट नहीं करते हैं कि भारतीय चुनाव में कौन प्रचार कर सकता है. इस मुद्दे पर चुनाव आयोग और सरकार के बीच हुई बातचीत से वाकिफ एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में किसी पक्ष ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है लेकिन सीईओ ने यह प्रश्न उठाया था क्योंकि यह नई परिस्थिति थी. चूंकि संबंधित कानून में इसकी स्पष्ट व्याख्या नहीं है इसलिए आयोग ने विदेश मंत्रालय से जवाब मांगा.

काफी मशक्कत के बाद मिला जवाब
उन्होंने बताया, 'विदेश मंत्रालय ने आयोग से विधि मंत्रालय से जवाब मांगने को कहा. इसके बाद आयोग ने विधि मंत्रालय से संपर्क किया.' विधि मंत्रालय ने इसका कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद चुनाव आयोग ने जनवरी को मंत्रालय से इस मुद्दे पर जवाब मांगा. चुनाव आयोग के सूत्र ने कहा, 'मंत्रालय ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया कि क्या भारतीय मूल के लोग (पीआईओ) देश के चुनाव में प्रचार करके वीजा नियमों का अथवा किसी अन्य कानून का उल्लंघन तो नहीं कर रहे हैं' उलटा उसने आयोग से पूछा कि पीआईओ के भारत में प्रचार पर उसे क्या कोई खास सुझाव देना है.

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