चुनाव आयोग को कानूनी शक्तियां देने के प्रस्ताव को कांग्रेस का समर्थन
Advertisement

चुनाव आयोग को कानूनी शक्तियां देने के प्रस्ताव को कांग्रेस का समर्थन

चुनाव आयोग को वोट के लिए रिश्वत देने के मामलों में चुनाव रद्द करने की संवैधानिक शक्तियां देने के एक प्रस्ताव पर विपक्षी दल कांग्रेस का समर्थन मिला है, लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा ने कहा कि पहले सभी कानूनों में ‘तुष्टिकरण’ की समान परिभाषा की जररत है.

चुनाव आयोग को कानूनी शक्तियां देने के प्रस्ताव को कांग्रेस का समर्थन

नई दिल्ली : चुनाव आयोग को वोट के लिए रिश्वत देने के मामलों में चुनाव रद्द करने की संवैधानिक शक्तियां देने के एक प्रस्ताव पर विपक्षी दल कांग्रेस का समर्थन मिला है, लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा ने कहा कि पहले सभी कानूनों में ‘तुष्टिकरण’ की समान परिभाषा की जररत है.

शुक्रवार को यहां हुई सर्वदलीय बैठक में चुनाव समिति ने मतदाताओं को रिश्वत देने की घटनाओं में चुनाव रद्द करने समेत उचित कार्रवाई करने के लिए जनप्रतिनिधि कानून में विशिष्ट धारा जोड़ने के उसके प्रस्ताव पर राजनीति दलों की राय मांगी। संसद में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकतांत्रिक संस्थानों की मजबूती की पक्षधर है.

पार्टी नेता विवेक तनखा ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी लोकतंत्र के संस्थानों की मजबूती के साथ है. पार्टी धन बल की समस्या खत्म करने और उसके खिलाफ लड़ने वाले सभी कदमों का समर्थन करेगी.’ पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तनखा ने सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस का प्रतिनिधत्व किया. भाजपा महासचिव भूपेंद्र यादव ने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव आयोग को विस्तार से अपने रूख के बारे में बताएगी.

उन्होंने कहा, ‘लेकिन तुष्टिकरण शब्द को सभी कानूनों से जोड़ा जाना चाहिए. संसद भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम में संशोधन के रूप में इस विषय पर पहले ही विचार कर रही है.’ यादव ने बैठक में भाजपा का प्रतिनिधित्व किया. आयोग ने सरकार से जनप्रतिनिधि अधिनियम, 1951 में धारा 58 ए की तर्ज पर एक नई धारा 58 बी जोड़ने के लिए कहा है.

अभी तक आयोग चुनाव को प्रभावित करने के लिए बड़ी संख्या में मतदाताओं को रिश्वत देने के मामले में चुनाव रद्द करने के लिए अनुच्छेद 324 के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करता है. हाल ही में इसी आधार पर तमिलनाडु में आर के नगर उपचुनाव रद्द किए गए.

Trending news