भारत की इकलौती तीनों सेनाओं की मिली जुली कमांड को नया कमांडर मिल गया है. अब लेफ्टिनेंट जनरल अजय सिंह अंडमान और निकोबार कमांड की जिम्मेदारी संभालेंगे.
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नई दिल्ली: लेफ्टिनेंट जनरल अजय सिंह (Lieutenant General Ajay Singh) को रणनैतिक रूप से महत्वपूर्ण अंडमान और निकोबार कमांड (Andaman and Nicobar Command) का नया कमांडर (सिनकैन) बनाया गया है. अंडमान और निकोबार कमांड भारत की इकलौती तीनों सेनाओं की मिलीजुली कमांड है. ये कमांड न केवल हिंद महासागर में महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्गों की सुरक्षा संभालती है, बल्कि इस क्षेत्र में बढ़ती हुई चीन (China) की दखलअंदाजी पर भी नियंत्रण रखती है.
अंडमान और निकोबार कमांड में नौसेना (Indian Navy) के कई महत्वपूर्ण बेस हैं, और लंबे समुद्री मार्गों पर चौकसी करने के लिए नौसेना के कई एयरबेस हैं. वायुसेना ने भी यहां अपनी तैनाती की है, जिनमें सबसे आधुनिक सुखोई फाइटर जेट भी शामिल हैं. भारतीय सेना के पानी और जमीन दोनों जगह कार्रवाई करने के लिए प्रशिक्षित सैनिकों की यहां पर तैनाती की गई है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु के कई एयरबेस भी यहां की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालते हैं.
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अंडमान और निकोबार मुख्य भूमि से सबसे दूर भारत का महत्वपूर्ण सैनिक बेस है. चीन ने यहां के काफी पास इंडोनेशिया के कोको द्वीपों (COCO Island) पर अपनी तैनाती करने की कोशिश की थी, जिसके बाद यहां पर भारतीय सैनिक उपस्थिति को मजबूत किया गया था. हिंद महासागर में चीन की गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं, इसलिए भारत अपने इस बेस पर बहुत ज्यादा ध्यान दे रहा है. चीन के व्यापार का ज्यादातर हिस्सा यहां के काफी पास से समुद्री मार्ग से गुजरता है, इसलिए यहां भारत की मजबूत उपस्थिति चीन को सतर्क रखती है. इस इलाके में चीन की सबमरीन (China Submarine) की उपस्थिति कई बार देखी गई है.
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जनरल सिंह के परिवार में पांच पीढ़ियों से सैनिक सेवा की परंपरा रही है और उन्हें युद्ध के साथ-साथ स्टाफ पोस्टिंग का लंबा अनुभव है. आर्मर्ड रेजिमेंट के अफसर जनरल सिंह ने कारगिल युद्ध और सियाचिन के ऑपरेशन मेघदूत में भाग लिया है. आर्मर्ड डिवीजन कमांड करने के बाद जनरल सिंह पाकिस्तान सीमा पर तैनात सेना की 10वीं कोर का नेतृत्व किया है.
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