₹ 34 Crore Blood Money: ‘ब्लड मनी’ क्या है? जिसको चुकाने से बचेगी सउदी अरब में मौत की सजा पाए रहीम की जिंदगी
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₹ 34 Crore Blood Money: ‘ब्लड मनी’ क्या है? जिसको चुकाने से बचेगी सउदी अरब में मौत की सजा पाए रहीम की जिंदगी

Kerala: रहीम मां ने  'मुझे कोई उम्मीद नहीं थी क्योंकि हमारे पास 34 करोड़ रुपये जुटाने का कोई साधन नहीं था. लेकिन किसी तरह यह सब संभव हो गया.'

₹ 34 Crore Blood Money: ‘ब्लड मनी’ क्या है?  जिसको चुकाने से बचेगी सउदी अरब में मौत की सजा पाए रहीम की जिंदगी

Kerala News: सउदी अरब में मृत्युदंड की सजा पाये केरल के एक व्यक्ति को बचाने के लिए राज्य के लोगों ने चंदा के माध्यम से 34 करोड़ रुपये जुटाए हैं. एकजुटता प्रदर्शित करते हुए, केरल में लोग कोझिकोड के निवासी अब्दुल रहीम को बचाने के लिए एक साथ आए हैं.

रहीम को सजा से बचने के लिए ‘ब्लड मनी’ के तौर पर 18 अप्रैल से पहले करीब 34 करोड़ रुपये का भुगतान करना है. ‘ब्लड मनी’ उस रकम को कहते हैं जिसका भुगतान सजा से बचने के लिए पीड़ित के परिवार को करना होता है.

पांच दिन में जमा हुए करोड़ों
आयोजकों ने शुक्रवार को कहा कि पांच दिन पहले तक, रहीम की रिहाई के लिए काम करने के लिए गठित एक्शन कमेटी केवल मामूली रकम ही जुटा सकी थी, लेकिन जैसे-जैसे अभियान तेज हुआ, दुनिया भर में फैले केरल के लोगों की ओर से मदद आने लगी.

रहीम पर दिव्यांग लड़के की हत्या का आरोप
रहीम 2006 में सऊदी अरब में एक लड़के की हत्या के आरोप में 18 साल से वहां की जेल में बंद है.  स्थानीय लोगों ने बताया कि सऊदी अरब में रहीम को 2006 में एक दिव्यांग लड़के की दुर्घटनावश मृत्यु के बाद जेल में डाल दिया गया था, जिसकी वह देखभाल कर रहा था. लड़के के परिवार की तरफ से माफी देने से इनकार करने के बाद 2018 में रहीम को मौत की सजा सुनाई गई थी.

एक्शन कमेटी के सदस्यों ने मीडिया को बताया कि अपीलों को शीर्ष अदालतों ने खारिज कर दिया था, लेकिन बाद में परिवार इस बात पर सहमत हुआ कि अगर रहीम 'ब्लड मनी' का भुगतान करता है तो उसे माफ कर दिया जाएगा.

एक आयोजक ने बताया, 'रियाद में 75 से अधिक संगठन, केरल स्थित व्यवसायी बॉबी चेम्मन्नूर, राज्य के विभिन्न राजनीतिक संगठन, आम लोगों ने धन जुटाने में हमारी मदद की.'

'मुझे कोई उम्मीद नहीं थी'
रहीम मां ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि इतनी रकम जुटाई जा सकती है. उन्होंने कहा, 'मुझे कोई उम्मीद नहीं थी क्योंकि हमारे पास 34 करोड़ रुपये जुटाने का कोई साधन नहीं था. लेकिन किसी तरह यह सब संभव हो गया.'

चेम्मनूर ने पैसे जुटाने के लिए पिछले कुछ दिनों में कई कार्यक्रम आयोजित किए. उन्होंने अपने एक प्रॉडक्ट की बिक्री का भी आयोजन किया और पूरी राशि इस उद्देश्य के लिए दान कर दी.

मामले में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक्शन कमेटी ने एक मोबाइल एप्लिकेशन बनाया था.

(इनपुट - एजेंसी)

(photo symbolic)

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