रूस में बोले PM मोदी, 'हम भारत को 2024 तक 5 ट्रिलियन की इकोनॉमी बनाने में जी-जान से जुटे हैं'
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रूस में बोले PM मोदी, 'हम भारत को 2024 तक 5 ट्रिलियन की इकोनॉमी बनाने में जी-जान से जुटे हैं'

Narendra modi: रूस के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ईस्‍टर्न इकोनॉमिक फोरम में बतौर मुख्‍य अतिथि शिरकत की. 

व्‍लादिवोस्‍तोक में ईस्‍टर्न इकोनॉमिक फोरम में पीएम मोदी का संबोधन. फोटो ANI

नई दिल्‍ली : रूस के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra modi) ने गुरुवार को ईस्‍टर्न इकोनॉमिक फोरम में बतौर मुख्‍य अतिथि शिरकत की. इस दौरान उन्‍होंने अपने संबोधन में कहा कि 130 करोड़ भारतीयों ने मुझपर भरोसा जताया है. इसके लिए मैं  उनका आभारी हूं. पीएम मोदी ने कहा कि हम 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्‍वास' के साथ आगे बढ़ रहे हैं. हम 2024 तक भारत को 5 ट्रिलियन की इकोनॉमी बनाने के अभियान में भी हम जी जान से जुटे हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि मेरी रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन से खुले दिन से चर्चा होती है. मैंने और पुतिन ने भारत के लिए लक्ष्‍य तय किए हैं. हमारे संबंधों में हमने नए आयाम जोड़े हैं, उन्हें विविधता दी है. संबंधों को सरकारी दायरे से बाहर लाकर, प्राइवेट इंडस्‍ट्री के बीच ठोस सहयोग तक पहुंचाया है. पीएम मोदी ने कहा कि भारत फार ईस्‍ट (पूर्वी एशिया, उत्‍तरी एशिया और दक्षिण पूर्वी एशिया) के विकास के लिए दी जाने वाली सहायता राशि (क्रेडिट लाइन) बढ़ाकर 1 अरब डॉलर करेगा. उन्‍होंने कहा कि हमारी सरकार ईस्‍ट एशिया के साथ एक्‍ट एशिया पॉलिसी के तहत संपर्क में है. यह हमारे बीच इकोनॉमिक डिप्‍लोमेसी को नए आयाम देगा.

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पीएम मोदी ने कहा कि व्लादिवस्तोक यूरेशिया और पैसिफिक का संगम है. यह आर्कटिक और नॉर्दन समुद्री रूट के लिए नए अवसर खोलता है. रूस का करीब तीन चौथाई भाग एशियाई है. फार ईस्ट इस महान देश की एशियन पहचान को मजबूत करता है. इस क्षेत्र का आकार भारत से करीब दो गुना है. जिसकी आबादी सिर्फ 6 मिलियन है. पीएम मोदी ने कहा कि व्‍लादिवोस्‍तोक से भारत का रिश्‍ता काफी पुराना है. यहां भारत ने काफी निवेश किया है. जब व्‍लादिवोस्‍तोक से चेन्‍नई तक जहाज चलेंगे तो हमारी दोस्‍ती और गहरी होगी.

पीएम मोदी ने कहा कि भारत और फार ईस्ट का रिश्ता बहुत पुराना है. भारत पहला देश है, जिसने व्लादिवोस्तोक में अपना कांसुलेट खोला है. सोवियत रूस के समय भी व्लादिवोस्तोक के जरिए बहुत सामान भारत पहुंचता था. आज इसकी भागीदारी और भी बढ़ गई है. यह दोनों देशों की सुख-समृद्धि का सहारा बन रहा है. 

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