सैनिकों के शवों से बेअदबी पर भारत सख़्त, पाकिस्तानी दूत को तलब कर सौंपे सबूत
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सैनिकों के शवों से बेअदबी पर भारत सख़्त, पाकिस्तानी दूत को तलब कर सौंपे सबूत

 ‘क्रोधित’ भारत ने बुधवार (3 मई) को पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब किया और दो भारतीय सैनिकों को मार कर उनका सर काटने की घटना में पाकिस्तानी सेना की संलिप्त्ता के बारे में ‘पर्याप्त सबूत’ दिए. भारत ने एक मई को जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर कृष्णा घाटी सेक्टर में हुए ‘क्रूर कृत्य’ को अंजाम देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने बताया कि विदेश सचिव एस जयशंकर ने पाकिस्तानी सैन्य कर्मियों द्वारा एक मई 2017 को दो भारतीयों को मारने और उनके शव क्षतविक्षत करने पर भारत की नाराजगी जाहिर करने के लिए बासित को तलब किया. भारत ने पाकिस्तान से यह भी कहा कि सैनिकों को मारना उकसावे की कार्रवाई है और स5य आचरण के सभी मानदंडों के विपरीत है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले. (एएनआई फोटो/ट्वीटर)

नयी दिल्ली: ‘क्रोधित’ भारत ने बुधवार (3 मई) को पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब किया और दो भारतीय सैनिकों को मार कर उनका सर काटने की घटना में पाकिस्तानी सेना की संलिप्त्ता के बारे में ‘पर्याप्त सबूत’ दिए. भारत ने एक मई को जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर कृष्णा घाटी सेक्टर में हुए ‘क्रूर कृत्य’ को अंजाम देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने बताया कि विदेश सचिव एस जयशंकर ने पाकिस्तानी सैन्य कर्मियों द्वारा एक मई 2017 को दो भारतीयों को मारने और उनके शव क्षतविक्षत करने पर भारत की नाराजगी जाहिर करने के लिए बासित को तलब किया. भारत ने पाकिस्तान से यह भी कहा कि सैनिकों को मारना उकसावे की कार्रवाई है और स5य आचरण के सभी मानदंडों के विपरीत है.

बागले ने कहा कि यह बात महत्वपूर्ण है कि हमले को बट्टल गांव के अंतर्गत आने वाले बट्टल सेक्टर में पाकिस्तानी चौकियों से की जा रही गोलीबारी की आड़ में अंजाम दिया गया. उन्होंने बताया कि घटनास्थल से एकत्र किए गए रक्त के नमूने दोनों भारतीय सुरक्षा कर्मियों के रक्त से मिल गए. उन्होंने आगे बताया कि बिखरे हुए खून के निशानों का पीछा करने पर पता चला कि हमलावर पाक अधिकृत कश्मीर से भारतीय हिस्से में आए और हमले को अंजाम दे कर वापस लौट गए.

बागले ने कहा कि भारत के पास इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि इस कार्रवाई को पाकिस्तानी सैनिकों ने अंजाम दिया जिन्होंने नियंत्रण रेखा पार की. यह बात पाकिस्तानी उच्चायुक्त को बताई गई. बासित की प्रतिक्रिया के बारे में पूछने पर प्रवक्ता ने बताया ‘बेशक, पाकिस्तानी दूत ने अपने देश की सेना की संलिप्तता से इंकार किया. बहरहाल, उन्होंने कहा कि वह डिमार्शे की सामग्री से अपनी सरकार को अवगत कराएंगे.’ पाकिस्तान ने मंगलवार (2 मई) को इस मुद्दे पर भारत से उसके दावे के समर्थन में ‘कार्रवाई योग्य प्रमाण’ मांगे थे.

उन्होंने कहा ‘हमारे क्षेत्र में यह दुर्भाग्यपूर्ण हकीकत है कि सीमा पार से जारी आतंकवाद शांति और स्थिरता के लिए लगातार खतरा बना हुआ है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस बात से सहमत है कि इसका खात्मा किया जाना चाहिए.’ यह पूछे जाने पर कि भारत ने पाकिस्तान को ‘सर्वाधिक तरजीही देश’ का दर्जा क्यों दिया हुआ है, बागले ने कहा कि ‘सर्वाधिक तरजीही देश’ का दर्जा पाकिस्तान को देना विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सदस्यों के लिए एक बाध्यता है और सभी सदस्यों को एक दूसरे के साथ ऐसा करना होता है.

उन्होंने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि पर करीब दो माह पूर्व हुई बातचीत के तहत मंत्रालय का रुख भी दोहराया. कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए तुर्की के राष्ट्रपति रज्जब तैयब एर्दोआन ने बहुपक्षीय बातचीत का सुझाव दिया है. चीनी मीडिया की एक खबर में कहा गया है कि चीन मध्यस्थता करने के लिए तैयार है. इस बारे में बागले ने कहा कि हमारे रुख में कोई अस्पष्टता नहीं है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है और हमारे वार्ताकारों को यह बात अच्छी तरह पता है. यह याद दिलाते हुए कि सवाल चीन के सरकारी दैनिक में छपी खबर पर आधारित है, बागले ने कहा कि चीनी मीडिया को वह यही सलाह देंगे कि वह चीन सरकार के रुख पर ध्यान दे, जो कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच का एक द्विपक्षीय मुद्दा मानती है.

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